Prem Prakash From Egg Supplier To Power Broker: ईडी (ED) ने बुधवार को रांची (Ranchi) में प्रेम प्रकाश (Prem Prakash) नाम के जिस पावर ब्रोकर के ठिकाने से 2 एके-47 बरामद की हैं, वो लगभग 15 साल पहले बैंक का मामूली क्लर्क था. ये नौकरी भी उसे बैंक में कार्यरत रहे उसके पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर मिली थी. मूलरूप से बिहार (Bihar) के सासाराम का रहने वाला ये शख्स महज 7 से 8 साल पहले झारखंड (Jharkhand) आया और उसने सत्ता से लेकर ब्यूरोक्रेसी के गलियारे में जबर्दस्त रसूख हासिल कर ली. आलम ये था कि आईएएस-आईपीएस से लेकर बड़े-बड़े ब्यूरोक्रेट्स अपने तबादले से लेकर पोस्टिंग तक के लिए उसके दरबार में हाजिरी बजाया करते थे.


भागकर आया था झारखंड  
झारखंड की पिछली बीजेपी सरकार से लेकर आज की गठबंधन सरकार में उसके रसूख में कभी कोई कमी नहीं आई. सबसे पहले 2015-16 में उसे राज्य के एक पूर्व चीफ सेक्रेटरी की कृपा हासिल हुई और उसे पूरे झारखंड में मिड-डे मील के लिए अंडा सप्लाई का काम मिल गया. कहते हैं कि बैंक में काम करते हुए वो पहले बिहार के कुछ पॉलिटिशियन्स के संपर्क में आया और इसके बाद उनकी ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम करने लगा. उसने बिहार के एक बड़े नेता की मोटी रकम पर हाथ साफ किया और वहां से भागकर झारखंड आ गया. उसे बैंक की नौकरी छोड़नी पड़ी. झारखंड में अंडा सप्लाई करते हुए उसकी अफसरों और राजनेताओं तक पहुंच बनी और ठेके-पट्टे मैनेज करने लगा. देखते-देखते वो झारखंड में सत्ता के गलियारे का सबसे रसूखदार पावर ब्रोकर बन गया.


हर गाड़ी का नंबर है 007
रांची के सबसे पॉश इलाके अशोक नगर के रोड नंबर 5 के सामने एक अपार्टमेंट और बरियातू में एक अपार्टमेंट के पेंट हाउस में वो अक्सर पार्टियां आयोजित करता था, जहां तमाम बड़ी शख्सियतें उसका मेहमान हुआ करती थीं. उसके पास कई एसयूवी हैं और उसकी सभी गाड़ियों के नंबर 007 हैं. 


ईडी ने पहले भी की थी पूछताछ
बीते मई महीने में जब झारखंड की सीनियर आईएएस पूजा सिंघल, उनके पति और अन्य के ठिकानों पर ईडी ने मनरेगा घोटाले की रकम की मनी लांड्रिंग के मामले में छापा मारा और इसके बाद माइन्स डिपार्टमेंट के कई अफसरों से पूछताछ हुई तो प्रेम प्रकाश सहित दो-तीन पावर ब्रोकर के कनेक्शंस भी सामने आए. बीते 25 मई को उसके 5 ठिकानों पर छापामारी में कई दस्तावेज बरामद किए गए. इन छापों की भनक उसे पहले ही लग चुकी थी, इसलिए उसने अपने तमाम स्मार्टफोन नष्ट कर दिए थे. उस वक्त कई राउंड की पूछताछ के बाद ईडी ने उसे इस शर्त पर छोड़ दिया था कि दोबारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर वो हाजिर होगा. बाद में ईडी ने मोबाइल कंपनियों से उसकी कॉल डिटेल्स हासिल किए और कई डिजिटल साक्ष्य भी इकट्ठा किया, तब उसके और उसके करीबियों के 18 ठिकानों पर बुधवार को दूसरी बार छापेमारी की गई. 


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