Presidential Election 2022: कांग्रेस नेता बोले 'भारत की बुरी फिलोसोफी का प्रतिनिधित्व करती हैं द्रौपदी मुर्मू', BJP ने किया पलटवार
Presidential Election: कांग्रेस नेता अजय कुमार ने कहा कि, NDA की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू "भारत की एक बहुत ही बुरी फिलोसफी" का प्रतिनिधित्व करती हैं. बीजेपी ने इस पर पलटवार किया है.
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Politics Over Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) से पहले कांग्रेस नेता और प्रवक्ता अजय कुमार (Ajay Kumar) ने बयान देते हुए कहा है कि, एनडीए (NDA) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu)"भारत की एक बहुत ही बुरी फिलोसफी" का प्रतिनिधित्व करती हैं. उन्होंने कहा कि उनकी उम्मीदवारी को "आदिवासियों का प्रतीक" नहीं बनाया जाना चाहिए. समाचार एजेंसी से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि, "यह सिर्फ द्रौपदी मुर्मू के बारे में नहीं है. यशवंत सिन्हा भी एक अच्छे उम्मीदवार हैं. हमारे पास राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद हैं. फिर हाथरस जैसा कांड हुआ. क्या उन्होंने एक शब्द भी कहा? अनुसूचित जातियों की स्थिति और खराब हो गई है," कांग्रेस नेता के बयान पर झारखंड (Jharkhand) के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता ने बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, 'कांग्रेस का यह सोच परिवारवादी सामंती मानसिकता का परिचायक है.'
'कांग्रेसियों के पेट में दर्द हो रहा है'
मामले को लेकर बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, '' आज़ादी के बाद 54 साल से ज़्यादा देश पर हुकूमत करने वाले कांग्रेस ने आदिवासियों को क्या दिया? ये दुनिया जानती है, लेकिन आज भाजपा-एनडीए ने आज़ाद भारत में पहली बार किसी आदिवासी संताल महिला को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया है तो इन कांग्रेसियों के पेट में दर्द हो रहा है. कांग्रेस का यह सोच परिवारवादी सामंती मानसिकता का परिचायक है.''
आज़ादी के बाद 54 साल से ज़्यादा देश पर हुकूमत करने वाले कांग्रेस ने आदिवासियों को क्या दिया? ये दुनियाँ जानती है। लेकिन आज भाजपा-एनडीए ने आज़ाद भारत में पहली बार किसी आदिवासी संताल महिला को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया है तो इन कांग्रेसियों के पेट में दर्द हो रहा है।१/२ https://t.co/e1kMawtR8m
— Babulal Marandi (@yourBabulal) July 13, 2022
नीलकंठ पुरस्कार से हैं सम्मानित
बता दें कि, झारखंड की राज्यपाल के रूप में द्रौपदी मुर्मू का 6 साल से अधिक का कार्यकाल ना केवल गैर-विवादास्पद रहा, बल्कि यादगार भी रहा. अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद वो 12 जुलाई, 2021 को ओडिशा के रायरंगपुर जिले स्थित अपने गांव से झारखंड राजभवन के लिए निकली थीं और तब से वहीं रह रही हैं. द्रौपदी को राज्यपाल के रूप में 6 साल से अधिक का समृद्ध अनुभव है. द्रौपदी मुर्मू को ओडिशा विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
1997 में हुआ सियासी सफर
20 जून, 1958 को ओडिशा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार में जन्मीं दौपदी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. वो 1997 में रायरंगपुर में जिला बोर्ड की पार्षद चुनी गईं. राजनीति में आने से पहले उन्होंने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षका के और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में रूप में काम किया. वो ओडिशा में दो बार विधायक रही हैं और नवीन पटनायक सरकार में मंत्री के रूप में काम करने का भी मौका मिला, जब बीजेपी बीजू जनता दल के साथ गठबंधन में थी.
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