Presidential Election 2022: बाबूलाल मरांडी की अपील, 'यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव से नाम वापसी की घोषणा कर दें अच्छा संदेश'
Presidential Election: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने यशवंत सिन्हा अपील कर डाली कि वो राष्ट्रपति चुनाव से नाम वापसी की घोषणा के साथ देश को एक अच्छा संदेश दें.
Presidential Election 2022: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने झारखंड (Jharkhand) की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को 18 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के खिलाफ राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना है. द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने खुशी जाहिर की है. बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि, द्रौपदी मुर्मू का भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए नामित किया जाना समस्त झारखंड के लिए गौरव का विषय है.
'नाम वापसी की घोषणा के साथ देश को दें अच्छा संदेश'
बाबूलाल मरांडी यहीं नहीं रुके, एक के बाद एक उन्होंने कई ट्वीट किए और यशवंत सिन्हा अपील कर डाली कि वो राष्ट्रपति चुनाव से नाम वापसी की घोषणा के साथ देश को एक अच्छा संदेश दें. बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि, ''आदरणीय यशवंत सिन्हा जी, आप बीजेपी में रहे हैं. श्रद्धेय अटल जी के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री व अन्य कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए आपने देशहित में कई निर्णय लिए हैं. आज यह अवसर आपके सामने है कि आप NDA की राष्ट्रपति प्रत्याशी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को निर्विरोध चयन के लिए अपने नाम वापसी की घोषणा के साथ देश को एक अच्छा संदेश दें. एक आदिवासी संताल महिला की संवैधानिक सर्वोच्चता, सम्पूर्ण आदिवासी समाज का ऐतिहासिक सम्मान है. आशा है आप राज्य व देश के सम्मान के लिए यह त्याग और समर्पण देकर एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करेंगे.''
चयन के लिए अपने नाम वापसी की घोषणा के साथ देश को एक अच्छा संदेश दें।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) June 22, 2022
एक आदिवासी संताल महिला की संवैधानिक सर्वोच्चता, सम्पूर्ण आदिवासी समाज का ऐतिहासिक सम्मान है। आशा है आप राज्य व देश के सम्मान के लिए यह त्याग और समर्पण देकर एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।२/२
सीएम हेमंत सोरेन से की समर्थन की अपील
इतना ही नहीं बाबूलाल मरांडी ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी समर्थन की अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, ''सीएम हेमंत सोरेन जी आदिवासी-संताल अस्मिता की रक्षा और इस ऐतिहासिक निर्णय के सहभागी बनकर राष्ट्रपति पद के लिये द्रौपदी मुर्मू जी के पक्ष में समर्थन देने की घोषणा करने में तनिक भी विलंब न करिए. आपका समर्थन आज़ाद भारत के इतिहास में आदिवासी समाज के गौरवबोध के लिए याद किया जाएगा.''
सीएम @HemantSorenJMM जी, आदिवासी-संताल अस्मिता की रक्षा और इस ऐतिहासिक निर्णय के सहभागी बनकर राष्ट्रपति पद के लिये द्रौपदी मुर्मू जी के पक्ष में समर्थन देने की घोषणा करने में तनिक भी विलंब न करिए।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) June 22, 2022
आपका समर्थन आज़ाद भारत के इतिहास में आदिवासी समाज के गौरवबोध के लिए याद किया जाएगा
नीलकंठ पुरस्कार से हैं सम्मानित
बता दें कि, झारखंड की राज्यपाल के रूप में द्रौपदी मुर्मू का 6 साल से अधिक का कार्यकाल ना केवल गैर-विवादास्पद रहा, बल्कि यादगार भी रहा. अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद वो 12 जुलाई, 2021 को ओडिशा के रायरंगपुर जिले स्थित अपने गांव से झारखंड राजभवन के लिए निकली थीं और तब से वहीं रह रही हैं. द्रौपदी को राज्यपाल के रूप में 6 साल से अधिक का समृद्ध अनुभव है. उनकी उम्मीदवारी से बीजेपी कई तरह से पूरे देश को सांकेतिक संदेश देने की कोशिश कर रही है. द्रौपदी मुर्मू को ओडिशा विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
1997 में हुआ सियासी सफर
20 जून, 1958 को ओडिशा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार में जन्मीं दौपदी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. वो 1997 में रायरंगपुर में जिला बोर्ड की पार्षद चुनी गईं. राजनीति में आने से पहले उन्होंने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षका के और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में रूप में काम किया. वो ओडिशा में दो बार विधायक रही हैं और नवीन पटनायक सरकार में मंत्री के रूप में काम करने का भी मौका मिला, जब बीजेपी बीजू जनता दल के साथ गठबंधन में थी.
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