Presidential Election 2022: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने झारखंड (Jharkhand) की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को 18 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के खिलाफ राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना है. द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने खुशी जाहिर की है. बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि,  द्रौपदी मुर्मू का भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए नामित किया जाना समस्त झारखंड के लिए गौरव का विषय है.  


बीजेपी ने मनाया जश्न 
द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर बीजेपी नेताओं ने प्रदेश कार्यालय के बाहर जमकर जश्न मनाया. पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने ढोल, नगाड़े बजाकर खुशी मनाई. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित केंद्रीय नेतृत्व का आभार प्रकट किया. जश्न के दौरान प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी मौजूद रहे. 






नीलकंठ पुरस्कार से हैं सम्मानित
बता दें कि, झारखंड की राज्यपाल के रूप में द्रौपदी मुर्मू का 6 साल से अधिक का कार्यकाल ना केवल गैर-विवादास्पद रहा, बल्कि यादगार भी रहा. अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद वो 12 जुलाई, 2021 को ओडिशा के रायरंगपुर जिले स्थित अपने गांव से झारखंड राजभवन के लिए निकली थीं और तब से वहीं रह रही हैं. द्रौपदी को राज्यपाल के रूप में 6 साल से अधिक का समृद्ध अनुभव है. उनकी उम्मीदवारी से बीजेपी कई तरह से पूरे देश को सांकेतिक संदेश देने की कोशिश कर रही है. द्रौपदी मुर्मू को ओडिशा विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. 


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1997 में हुआ सियासी सफर 
20 जून, 1958 को ओडिशा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार में जन्मीं दौपदी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. वो 1997 में रायरंगपुर में जिला बोर्ड की पार्षद चुनी गईं. राजनीति में आने से पहले उन्होंने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षका के और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में रूप में काम किया. वो ओडिशा में दो बार विधायक रही हैं और नवीन पटनायक सरकार में मंत्री के रूप में काम करने का भी मौका मिला, जब बीजेपी बीजू जनता दल के साथ गठबंधन में थी.


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