(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Presidential Election 2022: द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस नेता के बयान का विरोध, BJP बोली- फूट पड़ा है आदिवासियों में गुस्सा
Presidential Election: राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को लेकर कांग्रेस नेता अजय कुमार के दिए गए बयान पर सियासी पारा चढ़ गया है. इस मुद्दे पर BJP ने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है.
Politics Over Presidential Election 2022: एनडीए (NDA) की राष्ट्रपति पद (Presidential Election) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के खिलाफ कांग्रेस (Congress) नेता की अपमानजनक टिप्पणी के एक दिन बाद, बीजेपी ने बृहस्पतिवार को ओडिशा, झारखंड (Jharkhand) और अन्य आदिवासी बहुल इलाकों में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है. पूर्व लोकसभा सदस्य और कांग्रेस नेता, अजय कुमार ने कहा था कि, "द्रौपदी मुर्मू एक सभ्य व्यक्ति हैं, लेकिन वह भारत की बुरी फिलोसफी का प्रतिनिधित्व करती हैं. हमें द्रौपदी मुर्मू जी को आदिवासियों का प्रतीक नहीं बनाना चाहिए. रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति हैं और हाथरस जैसी घटना हुई, क्या उन्होंने एक शब्द भी कहा? अनुसूचित जाति की हालत और खराब हो गई है." बीजेपी की तरफ से कहा गया है कि, इस तरह की टिप्पणी से आदिवासियों में गुस्सा फूट पड़ा है.
'कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए'
बता दें कि, कांग्रेस नेता अयज कुमार के बयान पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि, कांग्रेस पार्टी को देश से माफी मांगनी चाहिए. अर्जुन मुंडा ने कहा था कि, ''आदिवासी वर्ग के एक व्यक्ति को राष्ट्रपति पद के लिए मनोनीत किए जाने से कांग्रेस निराश और परेशान है. ऐसे बयानों के लिए कांग्रेस पार्टी को देश से माफी मांगनी चाहिए.''
Congress is frustrated and is having trouble because a person from the tribal section has been nominated for the President's post. Congress party should apologise to the country for such statements: Union Minister and BJP leader Arjun Munda pic.twitter.com/P7UjG1B6WF
— ANI (@ANI) July 13, 2022
'कांग्रेस ने आदिवासियों को क्या दिया'
इसी मामले पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने भी ट्वीट करते हुए कहा था कि, ''आज़ादी के बाद 54 साल से ज़्यादा देश पर हुकूमत करने वाले कांग्रेस ने आदिवासियों को क्या दिया? ये दुनिया जानती है, लेकिन आज भाजपा-एनडीए ने आज़ाद भारत में पहली बार किसी आदिवासी संताल महिला को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया है तो इन कांग्रेसियों के पेट में दर्द हो रहा है. कांग्रेस की यह सोच परिवारवादी सामंती मानसिकता का परिचायक है.''
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