Congress नेता अजय कुमार बोले 'भारत की बुरी फिलोसोफी का प्रतिनिधित्व करती हैं द्रौपदी मुर्मू', मंत्री अर्जुन मुंडा ने दिया ये जवाब
Presidential Election: कांग्रेस नेता अजय कुमार ने कहा कि, द्रौपदी मुर्मू 'भारत की एक बहुत ही बुरी फिलोसफी' का प्रतिनिधित्व करती हैं. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
Congress Leader Said Draupadi Murmu Represents Evil Philosophy of India: राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) से पहले कांग्रेस नेता और प्रवक्ता अजय कुमार (Ajay Kumar) ने बयान देते हुए कहा है कि, एनडीए (NDA) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu)"भारत की एक बहुत ही बुरी फिलोसफी" का प्रतिनिधित्व करती हैं. उन्होंने कहा कि उनकी उम्मीदवारी को "आदिवासियों का प्रतीक" नहीं बनाया जाना चाहिए. समाचार एजेंसी से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि, "यह सिर्फ द्रौपदी मुर्मू के बारे में नहीं है. यशवंत सिन्हा भी एक अच्छे उम्मीदवार हैं. हमारे पास राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद हैं. फिर हाथरस जैसा कांड हुआ. क्या उन्होंने एक शब्द भी कहा? अनुसूचित जातियों की स्थिति और खराब हो गई है," कांग्रेस नेता के बयान पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, कांग्रेस पार्टी को देश से माफी मांगनी चाहिए.
'कांग्रेस निराश और परेशान है'
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि, ''आदिवासी वर्ग के एक व्यक्ति को राष्ट्रपति पद के लिए मनोनीत किए जाने से कांग्रेस निराश और परेशान है. ऐसे बयानों के लिए कांग्रेस पार्टी को देश से माफी मांगनी चाहिए.''
Congress is frustrated and is having trouble because a person from the tribal section has been nominated for the President's post. Congress party should apologise to the country for such statements: Union Minister and BJP leader Arjun Munda pic.twitter.com/P7UjG1B6WF
— ANI (@ANI) July 13, 2022
'कांग्रेस की सोच परिवारवादी सामंती मानसिकता की परिचायक'
इसी मामले पर बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि, ''आज़ादी के बाद 54 साल से ज़्यादा देश पर हुकूमत करने वाले कांग्रेस ने आदिवासियों को क्या दिया? ये दुनिया जानती है, लेकिन आज भाजपा-एनडीए ने आज़ाद भारत में पहली बार किसी आदिवासी संताल महिला को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया है तो इन कांग्रेसियों के पेट में दर्द हो रहा है. कांग्रेस का यह सोच परिवारवादी सामंती मानसिकता का परिचायक है.''
1997 में शुरू हुआ सियासी सफर
20 जून, 1958 को ओडिशा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार में जन्मीं दौपदी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. वो 1997 में रायरंगपुर में जिला बोर्ड की पार्षद चुनी गईं. राजनीति में आने से पहले उन्होंने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षका के और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में रूप में काम किया. वो ओडिशा में दो बार विधायक रही हैं और नवीन पटनायक सरकार में मंत्री के रूप में काम करने का भी मौका मिला, जब बीजेपी बीजू जनता दल के साथ गठबंधन में थी.
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