Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर होगी JMM की अहम बैठक, अभी साफ नहीं है पार्टी का रुख
Presidential Election: राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के नाम की घोषणा ने JMM के लिए दुविधा खड़ी कर दी है. इसे लेकर पार्टी की अहम बैठक होने जा रही है.
JMM Meeting For Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) की शनिवार को अहम बैठक होने जा रही है. पार्टी के अध्यक्ष शिबू सोरेन (Shibu Soren) की अध्यक्षता में ये बैठक होगी, जिसमें पार्टी के सभी विधायक और सांसद मौजूद रहेंगे. बैठक रांची के मोरहाबादी स्थित शिबू सोरेन के आवास पर होगी. इसी बैठक में ये तय हो जाएगा कि राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) में जेएमएम (JMM) का क्या रूख रहने वाला है. फिलहाल पार्टी ने अपने रूख को लेकर चुप्पी साधी हुई है.
JMM के सामने बड़ी दुविधा
दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार के रूप में आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के नाम की घोषणा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए दुविधा खड़ी कर दी है कि वो देश को पहला आदिवासी राष्ट्रपति देने में अपना योगदान दे या फिर गठबंधन धर्म का पालन करे. मुर्मू मूल रूप से ओडिशा के मयूरभंज जिले की हैं और वो आदिवासी समुदाय संताल (संथाल) से ताल्लुक रखती हैं. झारखंड (Jharkhand) के राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल भी निर्विवाद रहा है जबकि संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) का भी झारखंड से गहरा नाता रहा है.
'पार्टी फोरम पर चर्चा होना बाकी है'
हाल ही में लोकसभा में झामुमो के एकमात्र सांसद विजय कुमर हंसदक ने कहा था कि, राष्ट्रपति चुनाव पर पार्टी का जो भी रुख होगा, उससे जल्द ही सभी को अवगत करा दिया जाएगा. ये पूछे जाने पर कि क्या मुर्मू की उम्मीदवारी ने झामुमो के लिए दुविधा वाली स्थिति पैदा कर दी है तो उन्होंने कहा था कि, ''पार्टी के लिए दुविधा वाली स्थिति क्यों होगी? पार्टी फोरम पर इस बारे में चर्चा होना अभी बाकी है.''
नहीं सामने आई JMM की राय
गौरतलब है कि, वर्तमान समय में झारखंड राज्य आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाला तथा आदिवासी अस्मिता हितैषी राजनीति करने वाला झामुमो राज्य सरकार का नेतृत्व कर रहा है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली इस सरकार को कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजग) का समर्थन हासिल है. मुर्मू की उम्मीदवारी की घोषणा के कुछ समय बाद ही आदिवासी बहुल राज्य ओडिशा की सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) ने उन्हें समर्थन देने की घोषणा कर दी. लेकिन अभी तक इस बारे में झामुमो की कोई स्पष्ट राय नहीं आई है कि वो दलित राष्ट्रपति के रूप में राजग उम्मीदवार का समर्थन करेगा या विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार सिन्हा के साथ जाएगा.
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