Rabindra Nath Mahato Target Governor CP Radhakrishnan: झारखंड (Jharkhand) में राज्यपाल और सरकार के बीच खींचतान चल रही है. अब इस खींचतान में स्पीकर रवींद्रनाथ महतो (Rabindra Nath Mahato) भी कूद पड़े हैं. दरअसल, हाल ही में विधानसभा के स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए राजभवन पर निशाना साधा. उन्होंने राजभवन  पर पारोक्ष रूप से बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. स्पीकर ने कहा "विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर आदिवासियों की पहचान सरना धर्म कोड को विधानसभा में पारित कराया गया. इसके बाद  उसे राज्यपाल के पास भेजा गया, लेकिन राजभवन ने उस बिल को वापस लौटा दिया."


स्पीकर ने कहा कि अगर ये बिल पारित हो जाता तो पता लगाया जा सकता था कि देश में आदिवासी भाई-बहनों की संख्या कितनी है, लेकिन ऐसा क्यों नहीं होने  दिया गया ये बात समझ से परे है. रवींद्रनाथ महतो ने 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता विधेयक लौटाए जाने की आलोचना करते हुए कहा कि झारखंड की नागरिकता का बिल लौटाया गया. राजभवन बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है. 






 


राज्यपपाल और सरकार के बीच टकराव
उन्होंने कहा  कि इस आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जाति, जनजाति,  अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग और गरीब स्वर्णों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया था. उन्होंने कहा कि झामुमो ने अपने मैनिफेस्टो में 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति लाने की बात की थी. सरकार  ने इसके लिए विशेष सत्र भी बुलााया,  लेकिन राज्यपाल ने इसे लागू नहीं होने दिया. बता दें  तकरीबन तीन महीने से राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और हेमंत सोरेन सरकार के बीच के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है. 


राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने हेमंत सोरेन सरकार के आरक्षण बिल के नाम पर लाए गए इस विधेयक को लौटा दिया. गौरतलब है कि इससे पहले पिछले राज्यपाल रमेश बैस से भी सरकार की आरक्षण बिल, स्थानीयता बिल और सरना धर्म कोड को लेकर टकराव की स्थिती बनी थी.


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