Ramesh Munda Murder Case: रमेश मुंडा हत्याकांड के आरोपी पूर्व मंत्री राजा पीटर को मिली जमानत, 6 साल बाद आएंगे जेल से बाहर
Raja Peter Bail News: झारखंड हाईकोर्ट ने इसके पूर्व राजा पीटर की जमानत दो बार खारिज कर दी थी. पूर्व में सुप्रीम कोर्ट से भी उनकी जमानत याचिका मेरिट के आधार पर खारिज हो चुकी थी.
Jharkhand News: झारखंड के पूर्व मंत्री और तमाड़ विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा (Ramesh Singh Munda) की हत्या के आरोप में पिछले छह साल से जेल में बंद पूर्व मंत्री राजा पीटर (Raja Peter) को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने बुधवार को जमानत दे दी. इस हत्याकांड में अभी ट्रायल जारी है, लेकिन लंबे कस्टडी पीरियड और ट्रायल में गवाहों की लंबी सूची को देखते हुए अदालत ने कुछ शर्तों के साथ उन्हें जमानत प्रदान की है.
ये वही राजा पीटर हैं, जो रमेश सिंह मुंडा की हत्या के बाद तमाड़ सीट पर हुए उपचुनाव में झारखंड के तत्कालीन सीएम और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को हराकर चर्चा में आए थे. इस हार की वजह से वर्ष 2009 में शिबू सोरेन की अगुवाई वाली सरकार गिर गई थी. एनआईए ने रमेश सिंह मुंडा की हत्या के नौ साल बाद खुलासा किया कि राजा पीटर ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में उनकी हत्या कराने के लिए नक्सलियों को 5 करोड़ रुपये की सुपारी दी थी. एजेंसी ने इस साजिश का खुलासा करते हुए उन्हें 10 अक्टूबर 2017 को गिरफ्तार किया था, तभी से वह जेल में बंद हैं.
सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज हो चुकी थी जमानत याचिका
झारखंड हाईकोर्ट ने इसके पूर्व राजा पीटर की जमानत दो बार खारिज कर दी थी. पूर्व में सुप्रीम कोर्ट से भी उनकी जमानत याचिका मेरिट के आधार पर खारिज हो चुकी थी. नए सिरे से दाखिल जमानत याचिका पर बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से दलील दी गयी कि राजा पीटर 6 साल से भी ज्यादा समय से जेल में हैं और इस मामले में गवाहों की संख्या भी काफी अधिक है, ऐसे में उन्हें जमानत प्रदान की जाए. दूसरी तरफ एनआईए की ओर से बहस कर रहे अधिवक्ता ने कहा कि इस हत्याकांड में राजा पीटर की संलिप्तता है, इसलिए इन्हें राहत नहीं दी जानी चाहिए.
बता दें कि झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री और तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या बुंडू के एसएस हाईस्कूल कैंपस में 9 जुलाई 2008 को उस वक्त कर दी गई थी, जब वे वहां स्कूल के छात्रों को सम्मानित करने और पुरस्कार देने के बाद संबोधित कर रहे थे. उसी समय कुख्यात माओवादी नक्सली कुंदन पाहन दस्ते के नक्सलियों ने स्कूल में आकर फायरिंग शुरू कर दी. इसमें रमेश सिंह मुंडा, उनके दो सरकारी बॉडीगार्ड शिवनाथ मिंज और खुर्शीद आलम सहित एक छात्र रामधन पातर की मौत हो गयी थी.
कैसे हुआ था हत्या की साजिश का खुलासा?
रमेश सिंह मुंडा झारखंड के कद्दावर आदिवासी नेता थे और बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा सरकार में भी मंत्री रह चुके थे. रमेश सिंह मुंडा की हत्या के बाद तमाड़ क्षेत्र में उपचुनाव हुआ. राजा पीटर उपचुनाव जीतकर विधायक और झारखंड सरकार में मंत्री भी बने. इसी बीच रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ली ली. हत्याकांड की पूरी साजिश का खुलासा तब हुआ था, जब 27 मई 2017 को नक्सली कुंदन पाहन ने झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था. पूछताछ के दौरान कुंदन पाहन ने एनआईए को इस हत्याकांड की जानकारी दी थी.
करीब नौ साल बाद राजा पीटर को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया. एनआईए ने जो चार्जशीट दाखिल की है, उसके मुताबिक रमेश सिंह मुंडा की हत्या के लिए पूर्व मंत्री राजा पीटर ने कुख्यात नक्सली कमांडर कुंदन पाहन को पांच करोड़ रुपये की सुपारी दी थी. तीन करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया गया था. शेष दो करोड़ रुपये हत्या के बाद दिए गए थे. इस हत्याकांड में ट्रायल के दौरान एनआईए ने कुल 192 गवाहों की सूची अदालत को सौंप रखी है.
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