(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ramgarh Bypoll: नाक की लड़ाई बना रामगढ़ उपचुनाव, इन दो सियासी परिवारों के बीच मुकाबला
Ramgarh By Election: कांग्रेस प्रत्याशी की पत्नी को आपराधिक मामले में 5 साल की सजा मिली थी, जिस वजह से यहां फिर से चुनाव होने जा रहा है. कांग्रेस को 6 प्रमुख वामदलों का समर्थन मिला है.
Jharkhand Politics: झारखंड की रामगढ़ विधानसभा सीट पर आगामी 27 फरवरी को होने वाले उपचुनाव के लिए रणक्षेत्र सज चुका है. वैसे तो यहां 18 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, लेकिन यहां असली मुकाबला दो परिवारों के बीच है. यह चुनाव दो पतियों की ओर से अपनी पत्नियों के सम्मान में लड़ी जा रही लड़ाई के कारण दिलचस्प होने जा रहा है. चुनाव में एक ओर कांग्रेस प्रत्याशी बजरंग महतो हैं, जिनकी पत्नी ममता देवी जेल में हैं. ममता देवी ने इस सीट पर 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी, लेकिन एक आपराधिक मामले में 5 साल की सजा के चलते उनकी विधायकी चली गई. इसी वजह से यहां हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस ने उनके पति को प्रत्याशी बनाया है.
मुकाबले में दूसरी ओर गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी आजसू पार्टी की सुनीता चौधरी हैं, जिन्हें एनडीए ने उम्मीदवार बनाया है. 2019 के चुनाव में भी सुनीता चौधरी अपने सांसद पति के राजनीतिक रसूख के भरोसे उम्मीदवार बनी थीं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
जबदस्त मुकाबला होने की उम्मीद
इस तरह मुकाबला पूर्व विधायक ममता देवी के पति बजरंग महतो और सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी के बीच में है. बजरंग महतो जहां कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में गठबंधन के घटक दलों के सहयोग से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं सुनीता चौधरी एनडीए उम्मीदवार के रूप में चुनाव के मैदान में हैं. अगर जमीनी समीकरण की बात की जाए तो ममता देवी क्षेत्र की लोकप्रिय विधायक रह चुकी हैं और एक केस के सिलसिले में उनकी विधायकी गयी है, इसलिए उनके पति बजरंग महतो को सहानुभूति वोटों का लाभ मिल सकता है. दूसरी तरफ सुनीता चौधरी चूंकि गिरिडीह से सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी हैं और चंद्रप्रकाश रामगढ़ से विधायक रह चुके हैं, इसलिए क्षेत्र में उनके चाहनेवाले भी कम नहीं हैं.
कांग्रेस को 6 प्रमुख वामदलों का समर्थन
एनडीए उम्मीदवार सुनीता चौधरी के लिए सबल पक्ष ये है कि बीजेपी और आजसू के कद्दावर नेता उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए जोर लगा रहे हैं. चाहे वो बाबूलाल मरांडी हों या दीपक प्रकाश या फिर सुदेश महतो, सब उनके पक्ष में प्रचार करेंगे. बजरंग महतो चूंकि पिछले चुनाव में अपनी पत्नी ममता देवी के चुनाव प्रचार की कमान संभाल चुके हैं, इसलिए क्षेत्र के चुनावी समीकरण से वे भलीभांति परिचित हैं. रामगढ़ उपचुनाव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी चुनौती के रूप में लिया है और बुधवार को हुई बैठक में उन्होंने अपनी पार्टी के साथ कांग्रेस और राजद के नेताओं से मिलकर जीत की रणनीति पर चर्चा की. महागठबंधन के नेताओं का समग्रता में साथ मिलना भी बजरंग महतो के पक्ष में जाता है. 6 प्रमुख वामदलों ने रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान किया है. माकपा, भाकपा, भाकपा (माले), फारवर्ड ब्लाक, आरएसपी और मासस ने रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार बजरंग महतो को समर्थन दिए जाने का फैसला लिया.