Ramgarh Assembly By-election: कहते हैं कि अगर किसी को कम समय में मुकाम हासिल करना हो तो जिंदगी का सफर राजनीति (Politics) की तरफ ले जाना चाहिए. इसका प्रत्यक्ष उदहारण रामगढ़ (Ramgarh) उपचुनाव में देखने को मिल रहा है. यहां इतिहास में पहली बार 12 छात्र निर्दलीय (Indipendent) चुनाव लड़ रहे हैं. अब छात्र राजनीति में अपनी किस्मत आजमाएंगे. 


इन छात्रों का साफ कहना है कि विधायक बनना ऐसी नौकरी है, जिसमें वेतन तो समय पर मिलता ही है. गाड़ी और पेंशन भी दी जाती है. इन सबके बाद पावर अलग से. इमाम सफी कहते हैं कि छात्रों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. हम एक सरकारी नौकरी के लिए पूरी जिंदगी लगा देते हैं. उम्र गुजर जाती है, लेकिन नौकरी नहीं मिलती. इस गुजरे वक़्त की भरपाई करने वाला कोई भी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम पहले सरकार से नौकरी चाहते थे, लेकिन अब सरकार का हिस्सा बनना चाहते हैं. 


'नौकरी की लालसा में नष्ट कर दी जिंदगी'


रामगढ़ से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे मनोज बेदिया बताते हैं कि हम चार छात्र इस बार अपनी किस्मत राजनीति में आजमाने जा रहे हैं. देखा जाए तो हम चारों की उम्र 40 पार कर चुकी है. हमने अपनी पूरी जिंदगी ही नौकरी पाने की लालसा में ही नष्ट कर दी. अफसोस करते हुए बेदिया बताते हैं कि अगर शुरुआत से ही विधायक बनने की ओर धयान दिया होता तो आज अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे होते. 


'लंबी लड़ाई की शुरूआत है उपचुनाव'


इमाम सफी कहते हैं कि यह उस लड़ाई पर विजय की बात है, जिसमें हर छात्र बेरोजगार रह जाता है. हम परीक्षा तो दे देते हैं, मगर गलत नीतियों की वजह से परीक्षा रद्द कर दी जाती है. फॉर्म भरते हैं, लेकिन वह भी वापस हो जाता है. न जाने कितने ही लोग नौकरी की लालसा लिए मेरी तरह उम्र सीमा पार कर जाते हैं, लेकिन परिणाम कुछ भी हासिल नहीं होता. उन्होंने कहा कि अब हम ऐसी लड़ाई लड़ेंगे, जिसके परिणाम तुरंत ही मिल जाएं. वह कहते हैं कि एक साथ हम छात्रों का चुनाव लड़ना, एक-दूसरे को कमजोर करेगा. लेकिन, यह लंबी लड़ाई की शुरुआत है. हम किसी भी व्यक्ति को अपने फायदे के लिए पीछे नहीं छोड़ सकते. अभी 12 उमीदवार यह समझ चुके हैं कि विधायक बनने के लिये फार्म कैसे भरा जाता है. चुनाव का प्रचार कैसे किया जाता है. हम बड़ी लड़ाई का आगाज कर चुके हैं. टक्कर भी जबरदस्त होगी.


कुल 18 प्रत्याशी आजमाएंगे किस्मत


निर्दलीय चुनाव लड़ रहे सहदेव कुमार कहते हैं कि देखा गया है कि लोग अक्सर झूठी बात फैला देते हैं कि वे डर की वजह से राजनीति से दूर रहते हैं. उन्हें लगता है कि राजनीति में आना सही नहीं है. यह भी कहा जाता है कि जिसके पास पैसा है, वही राजनीति में जाता है. लोगों के मन में भर दिया जाता है कि चुनाव में लाखों रुपए खर्च होंगे. लेकिन, अगर आप ईमानदार है तो चंदे से ही चुनाव जीत जाएंगे. अभी हम पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं. लेकिन, आगे चल कर अपने संगठन को और मजबूत बनाएंगे. अभी रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में कुल 18 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत अजमाएंगे.