Jharkhand News: रांची (Ranchi) में हुए जमीन घोटाले में निलंबित आईएएस रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन (Chhavi Ranjan) की परेशानी अभी कम नहीं होने वाली है. अब नामकुम अंचल के पुगडू मौजा में खासमहाल प्रकृति की 9.30 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री में भी छवि रंजन की काली कमाई की ईडी जांच करेगी. तत्कालीन डीसी छवि रंजन ने इस खरीद-बिक्री को गलत बताते हुए तत्कालीन एलआरडीसी और सब रजिस्ट्रार को शोकॉज करते हुए विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा सरकार से की थी. वहीं जब खासमहाल भूमि की अवैध खरीद-बिक्री को आधार बनाते हुए रजिस्टर्ड डीड को रद्द करने का केस डीसी कोर्ट में किया गया तो डीसी छवि रंजन ने केस खारिज कर दिया.


जानकारी के अनुसार ईडी अब इस मामले की भी जांच करेगी. इसके अलावा छवि रंजन के डीसी रहते हुए जमीन मामले में दिए गए बड़े निर्णयों की भी जांच होगी. दरअसल, पुगडू मौजा की खाता संख्या 93, प्लॉट संख्या-543, 544, 545 और 546 की कुल 9.30 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री साल 2019 में कराई गई थी. रजिस्ट्री के लिए उक्त प्लॉट को खासमहाल सूची से बाहर कर दिया गया था. इस पर तत्कालीन डीसी ने डीसीएलआर और सब रजिस्ट्रार पर कार्रवाई की अनुशंसा की. मामला यहां बढ़ा तो उक्त प्लॉट को दुबारा खासमहाल जमीन की सूची में दर्ज कर दिया गया.


ईडी जल्द तैयार करेगा डेटा
बता दें कि, जमींदारी प्रथा समाप्त होने के बाद जब्त जमीन खासमहाल सूची में दर्ज की गई. इसका मालिकाना हक भारत सरकार के पास होता है. 1960 से 1980 के बीच सरकार ने हजारों लोगों को जीविकोपार्जन व शैक्षणिक संस्थानों को लीज पर खासमहाल की जमीन दी थी. इस प्रकृति की जमीन का हस्तांतरण नहीं हो सकता है. वहीं जमीन घोटाले में गिरफ्तार लोगों ने ईडी की पूछताछ में कहा है कि डीसी रहते छवि रंजन ने कई खाते-प्लॉट की जमीन प्रतिबंधित सूची से बाहर करने की अनुमति दी. बदले में मोटी रकम की वसूली की गई. ईडी अधिकारी बतौर डीसी छवि रंजन के दो सालों के कार्यकाल के दौरान प्रतिबंधित सूची से बाहर जमीन का डेटा खंगालने की तैयारी में हैं. जल्द ही रिपोर्ट जिले से मांगी जाएगी.


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