Women's Day 2024: महिला दिवस पर रेलवे की अनूठी पहल, लोको पायलट से लेकर गार्ड तक दिखी नारी शक्ति
Happy Women's Day: झारखंड समेत पूरे देश में महिला दिवस मनाया जा रहा है. इस महिला दिवस को विशेष बनाने के लिए साउथ ईस्टर्न रेलवे के रांची डिवीजन ने एक अनोखी पहल की है. जानें-

Women's Day Celebration in Jharkhand: भारत सहित पूरे विश्व शुक्रवार (8 मार्च) को पूरे जोश खरोश के साथ महिला दिवस मनाया जा रहा है. महिला दिवस को खास बनाने के लिए सरकार सहित आम लोग भी विशेष काम कर रहे हैं. इस बार भारतीय रेलवे ने महिला दिवस पर महिला कर्मचारियों को तोहफा दिया. साउथ ईस्टर्न रेलवे के रांची डिवीजन ने महिला दिवस को खास बनाने के लिए एक अनूठी पहल की है. इसके तहत आज ट्रेनों के संचालन और प्रबंधन के लिए सभी महिला कर्मचारियों को तैनात किया है.
साउथ ईस्टर्न रेलवे के रांची डिवीजन की इस अनूठी से पहल से महिला रेलवे कर्मचारियों में खासा उत्साह है. महिला दिवस पर रेलवे की इस पहल को लेकर लोको पायलट दीपाली अमृत ने कहा कि इसके लिए मैं तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगी. उन्होंने कहा कि आज जो महिलाएं पूरा संचालन और प्रबंधन करेंगी, यह हम सबके लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. लोको पायलट दीपाली अमृत ने कहा कि हम लोग अपने फील्ड में रोज काम करते हैं, लेकिन रेलवे ने आज हमलोगों जो मौका दिया उसके लिए मैं बहुत शुक्रगुजार हूं.
#WATCH | Jharkhand: On the occasion of Women's Day, the Ranchi division of South Eastern railway puts all women staff to operate and manage the train.
— ANI (@ANI) March 8, 2024
Loco Pilot Deepali Amrit says, "I would like to thank the railway for this. It's a big achievement for us. We work regularly in… pic.twitter.com/K8CR4dl1Gs
दीपाली अमृत ने कहा कि शुक्रवार (8 मार्च) को महिला दिवस पर महिलाओं की अगुवाई में ट्रेन टोरी रेलवे स्टेशन तक जाएगी और फिर वापस आएगी. इस दौरान रेलवे के सारे स्टाफ महिलाएं होंगी. रेलवे की इस पहल का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ा देना है.
क्यों मनाया जाता है महिला दिवस?
महिला दिवस की बुनियाद क्लारा जेटकिन नाम की महिला ने 1910 में की थी. हालांकि इसको औपचारिक मान्यता 1975 में मिली, जब संयुक्त राष्ट्र में महिला दिवस का जश्न मनाया गया. मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक, महिला दिवस की उत्तपत्ति कामगारों के आंदोलन से निकला था.
साल 1908 में न्यूयार्क में 15 हजार महिलाओं ने काम के घंटे कम करने और काम के बदले उचित वेतन और वोट डालने के राइट को लेकर परेड निकाल था. बाद संयुक्त राष्ट्र ने इसे हर साल महिला दिवस के रुप में मनाने को मान्यता दे दी. इसका मुख्य उद्देश्य है महिलाओं को समाज में समान सुरक्षा, सियासत में भागीदारी, सुरक्षा, आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं की तरक्की और आत्मनिर्भर बनाना है.
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