Action Against E-Rickshaw in Ranchi: पूरे रांची में करीब 7000 की संख्या में ई-रिक्शा वाहन चलाए जा रहे हैं, लेकिन अब इन वाहनों पर प्रशासन का डंडा चलने लगा है. दरअसल, जब शुरुआत में ई-रिक्शा सड़कों पर उतारे गए, तब साल 2017 में लॉटरी द्वारा करीब 954 वाहनों को रूट पास उपलब्ध करवाया गया था. इसके बाद कभी भी इसे रिन्यू नहीं किया गया. तब इस पर किसी तरह का भी परमिट नहीं लगता था, मगर अब नगर निगम द्वारा इस वाहन पर परमिट लगाया जा रहा है.

विडंबना यह है कि साल 2017 के बाद किसी तरह का रोड पास भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. रिक्शा चालकों का आरोप है कि अब प्रशासन द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है. इन रिक्शा चालकों को पकड़े जाने पर मोटी रकम का फाइन लगाया जा रहा है. यह फाइन 3 हजार रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक का होता है, जिस वजह से ये ई रिक्शा चालक अब प्रशासन के खिलाफ गोलबंद हो रहे हैं.


'हमारी गलती क्या है?'- चालक
एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए चालकों ने कहा, "प्रशासन हम गरीबों को क्यों परेशान कर रही है, नहीं पता. हमें परमिट नहीं होने पर पकड़ा जा रहा है और प्रशासन हमें परमिट भी नहीं दे रहा. रूट पास भी 2017 के बाद रिन्यू नहीं किया गया, इसमें हमारी क्या गलती है?"


ई-रिक्शा चलाने वालों का कहना है, ''हम मेहनत करते हैं. दिन भर गाड़ी चलाते हैं, तब जा कर हमारे घर का चूल्हा जल पाता है. मगर अब हमारे घर में बच्चे भूखे सो रहे हैं. फिर जब घर के हालात को देख कर हम गाड़ी रोड पर निकालते हैं तो ट्रैफिक पुलिस द्वारा मोटी रकम चालान के नाम पर वसूल की जाती है. हम इंटरेस्ट पर पैसा उठा कर चालान भरने को मजबूर हैं, हमारी सुनने वाला कोई नहीं है.''


वहीं, रांची जिला ई-रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद जावेद ने बताया कि हमने अपनी मांगों को लेकर अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक का दरवाजा खटखटाया, लेकिन हालात वैसे ही हैं. उन्होंने बताया कि लॉटरी सिस्टम से दिए गए 954 ई-रिक्शा को आज सभी रूट पास होने के बावजूद जुर्माना देना पड़ रहा है. 


उन्होंने मांग करते हुए कहा, "ई-रिक्शा को रूट पास से मुक्त किया जाए. ये किसी अन्य शहर में नहीं है, तो हमारे रांची निगम में क्यों है? ई-रिक्शा चालक को जल्द रिक्शा स्पेशल ड्राइविंग लाइसेंस एक सामान्य फीस पर दिया जाए, ताकि ई-रिक्शा का संचालन सुचारू रूप से हो सके."


'सांसद और रांची विधायक जिम्मेदार'- कांग्रेस
वहीं, प्रदेश कांग्रेस के नेता गौरव ने बताया, "यह एक दिन की समस्या नहीं है. हमारे रांची के विधायक सीपी सिंह और सांसद संजय सेठ के कारण ही सड़कों पर मिस मैनेजमेंट फैला हुआ है. इन लोगों ने कभी भी गरीबों के हक में आवाज नहीं उठाई."


उन्होंने कहा, ''आज जो ई-रिक्शा चालक 5 से 10 रुपये के भाड़ा में काम कर रहे हैं, उन्हें कुचलने का काम किया जा रहा है. आज इन गरीबों ने हमें अपनी समस्याओं से अवगत कराया है. अब हम मुख्यमंत्री से मिलकर उनकी समस्याओं को समाप्त करने का काम करेंगे. इसके लिये अगर सरकार से दो-दो हाथ करना पड़े तो हम इसके लिए भी तैयार हैं.''


क्या बोले सीपी सिंह?
एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए विधायक सीपी सिंह ने कहा कि सवाल सिर्फ ई-रिक्शा चालकों का ही नहीं है, बल्कि ऑटो चालकों के साथ भी घोर समस्या बनी हुई है. उन्होंने बताया, "मुझे किसी चालक ने बताया कि सड़कों पर पुलिस जबरन वसूली कर रही है. चालान काटा जा रहा है. आश्चर्य की बात है कि जो गरीब दो पैसा कमाने सड़क पर दिन रात मेहनत कर रहा है, वो 25000 रुपये का चालान कहां से देगा?"


उन्होंने बताया कि जल्द से जल्द इनको परमिट उपलब्ध करवाना चाहिए. विधायक ने पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा, ''वे खुद 25 सालों से अवैध वसूली रोकने पर काम कर रहे हैं, मगर उन्हें सफलता नहीं मिल पाई. आए दिन मर्डर और लूटपाट की घटनाएं सामने आती ही रहती हैं, लेकिन इनपर पुलिस का कोई कंट्रोल नहीं है. वे सिर्फ ये देखने में व्यस्त हैं कि किसके पास हेलमेट है या नहीं, पॉल्यूशन है या नहीं, ताकि वसूली की जा सके.''


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