Ranchi News: झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. जमीन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूछताछ के लिए उन्हें चौथी बार समन भेजा है. ईडी ने समन के जरिये हेमंत सोरेन को राजधानी ई़डी के राजधानी रांची (Ranchi) स्थित कार्यलय में 23 सितंबर को पूछताछ के लिए मौजूद होने को कहा है. ईडी के इस समन प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. 


ईडी के समन को चुनौती देते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. उनकी याचिका पर आज यानि सोमवार (18 सितंबर) को सुनावाई होनी है. इससे पहले भी ईडी रांची जमीन घोटाले मामेल तीन बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन नोटिस भेज चुकी है. उन्होंने हर बार निजी कारणों का हवाला देकर ईडी के सामने पेश होने में असमर्थतता जताई. ईडी ने संबंधित केस में सीएम सोरेन को चौथा समन भेजा है. बताया जा रहा है कि ईडी के पिछले समन के जवाब में सीएम सोरेन ने जी20 में राष्ट्रपति के द्वारा भेजे गए निमंत्रण भोज में शामिल होने का हवाला देते हुए, पूछताछ के लिए उपस्थित होने में असमर्थतता जताई थी. 


सीएम सोरेन समन को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिक में सीएम हेमंत सोरेन ईडी की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित बताते हुए जानबूझकर परेशान करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कोर्ट में दायर याचिका कहा कि जमीन घोटाले में ईडी के जरिये उन्हें नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाना गतल है, ये राजनीतिक वजहों से जानबूझकर परेशान करने की साजिश है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में ईडी ने भी कैविएट दाखिल उनका पक्ष सुनने का आग्रह किया है. इससे पहले समन जारी करने को लेकर हेमंत सोरने ईडी को पत्र भी लिख चुके हैं. जिसमें उन्होंने कहा कि ईडी के समन को देश की सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी गई है, ये मामला कोर्ट के सामने विचाराधीन है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वह ईडी के समन पर पूछताछ के लिए उपस्थित होने के मुद्दे पर विचार करेंगे. 


'जांच की आड़ में बार-बार भेज जा रहा समन'
मीडिया में छपी खबर के मुताबिक, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जब ईडी की ओर से मांगे गये संपत्ति के ब्यौरे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह पहले ही ईडी को संपत्ति की डीटेल्स दे चुके हैं. हालांकि अगर इस बारे में दोबारा कोई जानकारी मांगी गई तो वह फिर से एक कॉपी दे सकते हैं. इससे पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में ई़़डी द्वारा की जा रही कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, मालिकाना हक और उन पर कब्जा वाली प्रोपर्टी के सोर्स के बारे में पीएमएलए के तहत जांच की आड़ लगातार परेशान किया जा रहा है. जिसकी विस्तृत जानकारी ईडी और सीबीआई को पहले ही दी जा चुकी है.


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