Indigo News: नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) (Directorate General of Civil Aviation) ने अपने पैनल की जांच के ‘‘प्रथम दृष्टया’’ निष्कर्ष का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि विमानन कंपनी इंडिगो के कर्मचारियों ने रांची हवाई अड्डे पर सात मार्च को एक दिव्यांग बच्चे और उसके माता-पिता के साथ अनुचित व्यवहार किया. डीजीसीए ने कहा कि विमानन कंपनी को नियमों के ‘‘अनुरूप काम नहीं करने पर’’ एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उससे 26 मई को इसका जवाब देने को कहा गया है. उसने कहा कि सुनवाई के बाद कानून के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी.


जांच के लिए समिति का गठन 
विमानन कंपनी ने नौ मई को कहा था कि बच्चे को इसलिए विमान में सवार नहीं होने दिया गया, क्योंकि वह ‘‘स्पष्ट रूप से घबराया हुआ’’ था. बच्चे को रांची से हैदराबाद जा रहे विमान में सवार होने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद उसके माता-पिता ने भी विमान में नहीं बैठने का फैसला किया था. डीजीसीए ने इस मामले की जांच करने के लिए नौ मई को एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया था.


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नियमों के अनुरूप नहीं-डीजीसीए
डीजीसीए ने एक बयान में कहा कि तीन सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति ने रांची घटना पर अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है. उसने बताया कि प्रभावित परिवार के अनुरोध पर समिति की कार्यवाही आंशिक रूप से सार्वजनिक और आशिंक रूप से बंद कमरे में हुई. डीजीसीएन ने कहा, ‘‘समिति की जांच के निष्कर्ष संकेत देते हैं कि इंडिगो के कर्मचारी यात्रियों के साथ सही तरीके से पेश नहीं आए और इस तरह उन्होंने लागू नियमों के अनुरूप काम नहीं किया.’’


कार्रवाई की जाएगी-डीजीसीए
डीजीसीए ने कहा कि इसके मद्देनजर उसके अधिकृत प्रतिनिधि के जरिए विमानन कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया गया है, जिसमें उसे बताना होगा कि नियमों के अनुरूप काम नहीं करने पर उसके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए. उसने कहा, ‘‘सभी पक्षों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विमानन कंपनी को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर दिया गया है और इसके अलावा उसे आज से यानी 26 मई, 2022 से अगले 10 दिन के भीतर लिखित अभ्यावेदन भी देना होगा. उसके अभ्यावेदन को सुनने के बाद कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी.’’


उचित समय पर उत्तर देंगे-इंडिगो
डीजीसीए के बयान को लेकर सवाल किए जाने पर इंडिगो ने कहा, ‘‘हमें इस मामले पर डीजीसीए का पत्र मिल गया है और हम उचित समय पर उत्तर देंगे.’’ इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रोनोजॉय दत्ता ने इस घटना पर खेद जताया था और बच्चे के लिए एक इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर खरीदने की पेशकश की थी. उन्होंने कहा था कि कठिन परिस्थितियों में जो सबसे उचित हो सकता था, विमानन कंपनी के कर्मचारियों ने वही फैसला किया.


उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर कहा था कि किसी भी व्यक्ति के लिए इस तरह की परिस्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए और वह रांची में हुई घटना की स्वयं जांच कर रहे हैं.


एनसीपीसीआर ने क्या कहा
इस बीच, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कहा था कि झारखंड पुलिस इंडिगो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करे, क्योंकि यह दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम की धारा-सात का प्रथम दृष्टया उल्लंघन है, जिसमें सजा का प्रावधान है. एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने डीजीसीए से इस मामले में जांच शुरू करने और विमानन कंपनी और उसके प्रबंधक के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने को कहा था.


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