Jharkhand News: भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के टॉप लीटर एक करोड़ के इनामी मिसिर बेसरा के दस्ते में शामिल आठ प्रमुख नक्सलियों ने बुधवार को झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) के सामने आत्मसमर्पण (Naxalite surrender) कर दिया. इनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं. बीते पांच वर्षों में पहली बार एक साथ इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. झारखंड पुलिस के रांची (Ranchi) रेंज के आईजी कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में इन सभी नक्सलियों ने सरेंडर किया. इनके नाम जयराम बोदरा, मारतम अंगरिया, सरिता सरदार, तुंगीर पूर्ति, पातर कोड़ा, कुसनू सिरका उर्फ कार्तिक सिरका ओर संजू पूर्ति उर्फ रौशनी पूर्ति हैं.
संगठन के पास अब कोई नीति-सिद्धांत नहीं-नक्सली
इन सभी नक्सलियों के खिलाफ चाईबासा, जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां जिलों के अलग-अलग थानों में कई मामले दर्ज हैं. ये सभी लोग मिसिर बेसरा के दस्ते के अहम सदस्य थे. इन नक्सलियों ने कहा कि माओवादी संगठन के पास अब कोई नीति-सिद्धांत नहीं है. संगठन के अंदर जबर्दस्त भेदभाव और शोषण है. उन्होंने महसूस किया कि झारखंड पुलिस ने 'नई दिशा' नामक नीति के जरिए उन्हें मुख्य धारा में लौटने का अच्छा अवसर प्रदान किया है.
आत्मसमर्पण नीति काफी प्रभावशाली-IG ऑपरेशन
नक्सलियों के आत्ममसर्पण के मौके पर झारखंड के आईजी ऑपरेशन अमोल वी. होमकर, जोनल आईजी पंकज कंबोज, एसटीएफ के आईजी अनूप बिरथरे और चाईबासा के एसपी आशुतोष शेखर मौजूद रहे. आईजी ऑपरेशन अमोल वी. होमकर ने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति काफी प्रभावशाली सिद्ध हो रही है. यह नीति समाज की मुख्य धारा से भटक कर हिंसा और नक्सलवाद की राह पकड़ने वालों को वापस से नई जिंदगी शुरू करने का मौका दे रही है.
बता दें कि बीते वर्ष 2022 में 14 नक्सलियों ने राज्य पुलिस और सुरक्षा बलों के समक्ष हथियार डाले. इनमें से ज्यादातर पर झारखंड सरकार ने इनाम घोषित कर रखा था. राज्य में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ों के दौरान 11 नक्सली मारे गए. इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों से कुल 416 माओवादियों को अरेस्ट किया गया.