Jharkhand News: झारखंड में 67 नक्सली वारदातों में वांटेड 10 लाख के इनामी माओवादी नक्सली कमांडर सुरेश सिंह मुंडा ने अपनी बेटी की अपील पर हिंसा का रास्ता छोड़ मंगलवार को झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) के सामने सरेंडर कर दिया. उसकी बेटी ने पिछले दिनों उससे जंगल में मुलाकात की थी और घर, परिवार और समाज का वास्ता देते हुए हथियार डाल देने की विनती की थी. सुरेश सिंह मुंडा के साथ उसके सहयोगी दो लाख के इनामी लोदरो लोहार ने भी रांची (Ranchi Police) में पुलिस के आला अधिकारियों के सामने सरेंडर किया. ये दोनों पुलिस के लिए लंबे वक्त से मोस्ट वांटेड बने हुए थे.
कितनों ने अबतक किया सरेंडर
झारखंड पुलिस ने पिछले छह महीनों के दौरान 20 से ज्यादा नक्सलियों का सरेंडर कराया है. इनमें एक लाख से लेकर 25 लाख रुपये तक के इनामी शामिल हैं. झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल होमकर ने कहा है कि सरकार की ओर से नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए घोषित नीति 'नई दिशा' कारगर साबित हो रही है. गुमराह होकर हिंसा की राह पकड़ने वालों को मुख्य धारा में जोड़ा जा रहा है.
घोषित इनाम की राशि दी गई
सुरेश सिंह मुंडा रांची के बुंडू थाना अंतर्गत बारीहातू का रहनेवाला है. पुलिस के अनुसार उसपर 67 मामले दर्ज हैं, जबकि उसके साथ सरेंडर करने वाले दो लाख के इनामी लोदरो पर 54 मामले दर्ज हैं. सरकार की पॉलिसी के अनुसार इन दोनों पर घोषित इनाम की राशि इन्हें ही दे दी गई.
इस हमले में था शामिल
सुरेश सिंह मुंडा बीती चार जनवरी को मनोहरपुर के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर हमले में भी शामिल था. इस हमले के दौरान नक्सलियों ने पूर्व विधायक के सुरक्षा दस्ते में तैनात दो जवानों की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी थी, जबकि पूर्व विधायक किसी तरह भागकर जान बचाने में सफल रहे थे.
कई सुराग लगे हाथ
पुलिस के अनुसार सुरेश सिंह मुंडा एक करोड़ के इनामी माओवादी अनल दा दस्ते का प्रमुख सदस्य रहा है. माना जा रहा है कि सुरेश के सरेंडर से पुलिस को कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन दिनों पूरे राज्य को चार जोन में बांटकर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसके पहले बीते 25 फरवरी को 25 लाख के इनामी विमल यादव और 21 जनवरी को 10 लाख के इनामी महाराज प्रमाणिक ने भी रांची में पुलिस के सामने हथियार डाला था. सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों को ओपेन जेल में रखा जा रहा है.
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