Jharkhand News: झारखंड में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. खिलाड़ी हर राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक लाकर राज्य का गौरव बढ़ा रहे हैं. राज्य सरकार इनको समय-समय पर प्रोत्साहित भी कर रही है. खिलाड़ियों के नियमित प्रैक्टिस और नए खिलाड़ी तैयार करने के लिए नर्सरी (Nursery) तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन खेल की ये नर्सरी सरकारी बाबुओं के उदासीनता के कारण बंजर होने के कगार पर हैं. रांची (Ranchi) के होटवार स्थित खेल गांव के बनाने के पीछे का कारण राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ियों के हुनर को और तरासना था, लेकिन इसकी स्थिति दिन-प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है.


झारखंड सरकार और खेल इंफ्रास्ट्रक्चर सीसीएल के बीच हुआ था करार
2015 में झारखंड सरकार ने खेल गांव का सारा खेल इंफ्रास्ट्रक्चर सीसीएल से एक करार कर सौंप दिया. जिसमें शर्त यह थी कि सीसीएल खेल एकेडमी चलाने के साथ-साथ इस पूरे खेल परिसर को मेंटेन भी रखेगी. जिस पर 7 साल में सीसीएनए रिपेयरिंग मद में 10 करोड़ खर्च किए हैं. फिलहाल 10 करोड़ रुपये का कैसे बंदर बांट हुआ है. दूर से यह मेगा स्पोर्ट्स कंपलेक्स बहुत खूबसूरत दिखाई देता है, मगर नजदीक जाने पर हर जगह टूट-फूट दरारें जंग से आपका सामना हो जाएगा. यह टूट-फूट पिछले कई सालों से यथावत है.


खर्च कर दिए हैं 10 करोड़ रुपये
यह बेहद अत्याधुनिक खेल इंफ्रास्ट्रक्चर मेंटेन रहे, इसलिए झारखंड सरकार ने सारी संपत्ति एक खेल एकेडमी चलाने के नाम पर सीसीएल को सौंप दी. इस दौरान जेएसएलपीएस नाम की एक संस्था का गठन हुआ, जिसके अध्यक्ष पदेन मुख्य सचिव हुआ करते हैं. करार के मुताबिक हर साल संचालन और मेंटेनेंस के लिए खर्च होने वाली राशि का आधा हिस्सा झारखंड सरकार देती है और आधा सीएसआर फंड के तहत सीसीएल देता है. साल 2016-17 में झारखंड सरकार ने चार करोड़ रुपये दिए थे. 17-18 में छह करोड़, 18-19 में 3.14 करोड़ और 19-20 में 13.97 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं. सीसीएल ने पिछले 7 सालों में 10 करोड़ रुपये मेंटेनेंस में खर्च भी कर दिए हैं.


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