(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ranchi Land Scam: बाबूलाल मरांडी का बड़ा बयान, बोले- 'IAS छवि रंजन तो छोटी मछली हैं, कई बड़े मगरमच्छ...'
Ranchi Land Scam Case Update: ईडी के दस्तावेज के मुताबिक कुलकर्णी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि छवि रंजन ने रजिस्ट्री के लिए कई नियमों की अवहेलना करते हुए एक पार्टी को लाभ पहुंचाने का काम किया.
Jharkhand News: रांची लैंड स्कैम मामले में गिरफ्तार IAS छवि रंजन (Chhavi Ranjan) की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व डिविजनल कमिश्नर नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट को अहम साक्ष्य मान लिया है. सेना की जमीन घोटाले में दायर चार्जशीट में इसका जिक्र भी किया गया है. इस पर अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ने निशाना साधा है.
'छवि रंजन तो महालूट की छोटी मछली'
उन्होंने शुक्रवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा, 'झारखंड के करप्ट सिस्टम का पार्ट बनकर अपनी तबाही की कहानी खुद लिखने वाला आईएएस छवि रंजन तो महालूट के समंदर की छोटी मछली है. कई बड़े मगरमच्छ समान वैसे कुछ षड्यंत्रकारी नौकरशाहों का चेहरा उजागर होना अभी बाकी हैं जिन्होंने भ्रष्ट एवं अज्ञानी सत्ता की कमजोरी का फायदा उठा झारखंड को लूट खाकर नामी-बेनामी धन-दौलत का पहाड़ खड़ा कर लिया है. जब ऐसे डकैतों के कारनामे से पर्दा उठेगा तो छवि, बीरेन्द्र राम, जैसे लोग तो मामूली गिरहकट नजर आएंगे. देखते जाइए...'
बता दें कि तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी को बजरा की 7.16 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री श्याम सिंह भाटिया और रवि सिंह के नाम होने के खिलाफ शिकायत मिली थी. कुलकर्णी ने खुद इस मामले की जांच की थी. जांच के दौरान उन्होंने पाया था कि तत्कालीन डीसी छवि रंजन ने पद का दुरुपयोग कर जमीन खरीदने वालों को अनुचित उठाने दिया. यही वजह है कि कुलकर्णी ने छवि रंजन के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
लगान रसीद पर भी कुलकर्णी ने उठाए सवाल
प्रवर्तन निदेशालय के दस्तावेज के मुताबिक 12 अगस्त 2021 को कुलकर्णी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि छवि रंजन ने रजिस्ट्री के लिए कई नियमों की अवहेलना करते हुए एक पार्टी को लाभ पहुंचाने का काम किया. डीसी के आदेश के बाद जमीन की तत्काल बिक्री और जमीन कब्जा करने के लिए जिला प्रशासन का सहयोग सबकुछ एक साजिश के तहत किया गया. खास बात यह है कि कुलकर्णी ने 82 सालों की लगान रसीद एक ही दिन में कटवाए जाने पर भी सवाल खड़े किए थे. केवल सादे पेपर पर बने पंचनामा पर 82 साल का रसीद काटा जाना गैरकानूनी था.
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