Jharkhand Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में IAS अधिकारी पूजा सिंघल के खिलाफ दायर चार्जशीट पर कोर्ट ने लिया संज्ञान
Jharkhand Money Laundering Case: आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल (Pooja Singhal) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया है.
Jharkhand IAS Pooja Singhal Money Laundering Case: रांची (Ranchi) की विशेष अदालत ने बुधवार को आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल (Pooja Singhal) और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की तरफ से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया. सिंघल, अभिषेक झा, जय किशोर चौधरी, शशि प्रकाश, आरके जैन और सीए सुमन कुमार के खिलाफ पूरक आरोपपत्र (सप्लीमेंट्री चार्जशीट) दायर की गई है. इससे पहले ईडी ने कुमार को 7 मई को और सिंघल को 11 मई को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था.
चलाया गया था तलाशी अभियान
गिरफ्तारी से पहले 6 मई को रांची, चंडीगढ़, कोलकाता, फरीदाबाद, गुरुग्राम और मुजफ्फरपुर में स्थित 27 विभिन्न परिसरों में व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया था. तलाशी के दौरान, 19.76 करोड़ रुपये नकद, 2 हाई-एंड कारों (जगुआर एफ पेस और टोयोटा फॉर्च्यूनर) सहित चार वाहन, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए थे.
ED ने शुरू की थी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच
ईडी ने झारखंड पुलिस की तरफ से भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 11, 13 (2) और 13 (1) (ई) के तहत दर्ज 16 प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी. इससे पहले ऑडिट टीम ने खूंटी जिले में मनरेगा के तहत किए गए कार्यों में 18.06 करोड़ रुपये (इस मामले में अपराध की आय) का गबन पाया था.
जांच में सामने आई ये बात
ईडी को जांच के दौरान पता चला कि उस समय खूंटी की डिप्टी कमिश्नर सिंघल को राम बिनोद सिन्हा और अन्य इंजीनियरों की तरफ से धनराशि स्वीकृत करने के लिए कमीशन का भुगतान किया गया था. आरोप लगाया गया है कि सिंघल और उनके पति ने उक्त अपराध की अवधि के दौरान अपने बैंक खातों में बड़ी मात्रा में नकदी जमा की, जिसका बाद में विभिन्न संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए उपयोग किया गया. उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट कुमार को सिंघल की ओर से धन उगाहने में शामिल पाया गया है.
संपत्तियों में किया गया निवेश
आरोपियों ने सिंघल के अपराध की मोटी रकम को विभिन्न संपत्तियों में भी निवेश किया है. इसलिए आरोपी व्यक्तियों को उक्त अपराध से संबंधित आपराधिक गतिविधि के परिणाम स्वरूप उत्पन्न 'अपराध की आय' से जुड़ी गतिविधि में शामिल पाया गया और इस तरह पीएमएलए की धारा 3 के तहत आरोप लगाए गए. इससे पहले मामले में ईडी की तरफ से 4.28 करोड़ रुपये की कुर्की की गई थी, जिसकी पुष्टि बाद में निर्णायक प्राधिकरण ने की थी.
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