Ranchi Violence Babulal marandi Attack on Hemant Soren Government: शुक्रवार को झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) में हुई घटना को लेकर सियासत (Politics) भी शुरू हो गई है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal marandi) ने कहा है कि समाज में हिंसक उत्पात मचाने की इजाजत किसी को भी नहीं है. रांची में जो दृश्य दिखा उसमें पुलिस (Police) पूरी तरह असहाय दिखी. बाबूलाल मरांडी ने घटना को अंजाम देने वाले दोषियों की गिरफ्तारी करने और उन पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.
'दंगा करने वाले पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं'
बाबूलाल मरांडी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, ''रांची में शुक्रवार को हुए हिंसा के 72 घंटे बाद भी केवल खानापूर्ति के नाम पर एक गिरफ्तारी हुई है, वो भी बिहार के मंत्री श्री नितिन नवीन की गाड़ी क्षतिग्रस्त करने के आरोप में. आखिर क्या कारण है कि तमाम अखबारों में दंगाइयों के स्पष्ट फ़ोटो होने के बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं?''
सरकार पर साधा निशाना
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि, ''शुक्रवार को रांची में हुए हिंसा के बाद कहीं अपराधियों को सेफ टाइमिंग देकर उन्हें बाहर निकलने का मौका तो नहीं दिया जा रहा है? जबकि पूरे घटना का लिंक यूपी के सहारनपुर से जुड़ रहा है, वैसे में आतंकियों के प्रति ये अघोषित संरक्षण कहीं सत्ता के दबाव में तो नहीं है?''
'झारखंडियों की चिंता करिए'
बाबूलाल मरांडी ने ये भी कहा कि, ''रांची में हुए हिंसा के बाद वैसे भी सरकार के प्रिय विधायक उपद्रवियों के परिजनों को 50 लाख मुआवजे की सिफारिश कर चुके हैं. कहीं इनके तुष्टिकरण की राजनीति में झारखंड आतंकियों का चारागाह न बन जाए! हेमंत सोरेन जी ऐसी क्षुद्र राजनीति छोड़कर साढ़े तीन करोड़ झारखंडियों की चिंता करिए.''
कांग्रेस विधायक ने कही थी ये बात
बता दें कि, रांची में हुए उपद्रव को लेकर जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी (Irfan Ansari) ने दंगाइयों को प्रदर्शनकारी बताते हुए मृतकों के आश्रितों को 50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है. हालांकि, इस मुद्दे पर अलग-थलग पड़ने के बाद कांग्रेस विधायक ने उस बयान से भी किनारा कर लिया है जिसमें उन्होंने पुलिस को निशाने पर लिया था. इरफान ने रांची के सिटी एसपी की आलोचना की थी. उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की कार्रवाई पर विरोध जताने वाले विधायक इरफान अंसारी के बयान से कांग्रेस (Congress) के नेता सहमत नहीं हैं.
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