Ranchi Violence Babulal marandi Attack on Hemant Soren Government: झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) ने रांची हिंसा (Ranchi Violence) के आरोपियों की तस्वीरों वाला पोस्टर (Poster) जारी किया था, जिसे बाद में संशोधन के लिए वापस ले लिया गया. लेकिन, इस बीच  मामले को लेकर राज्य का सियासी पारा भी चढ़ गया है. बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी (Babulal marandi) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) पर निशाना साधते हुए कहा कि, तुष्टिकरण को नुकसान ना पहुंचे, भले ही शहर को आग में झोंकने वाले उपद्रवियों को बचाकर इसकी कीमत चुकाई जाए. 


'JMM के दबाव में उतारे गए पोस्टर' 
पूरे मामले पर ट्वीट कर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि, '' @ranchipolice के द्वारा शहर में लगाए गए उपद्रवियों के पोस्टर चंद घंटों में JMM के दबाव में उतार लिए गए. जाहिर है कि सत्ता में बैठे लोग अभी जोड़-घटाव में जुटे हैं. तुष्टिकरण को नुकसान ना पहुंचे, भले ही शहर को आग में झोंकने वाले उपद्रवियों को बचाकर इसकी कीमत चुकाई जाए.''




'कांग्रेस नहीं चाहती कि लगे पोस्टर'
इस बीच बता दें कि, झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) ने कहा है कि, कांग्रेस (Congress) ये नहीं चाहती है कि, उपद्रवियों का पोस्टर लगे. उपद्रवियों का पोस्टर लगने, बुलडोजर (Bulldozer) चलने से कोई फायदा नहीं होता. हिंसा में शामिल लोगों पर पुलिस कार्रवाई करे. 


'बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं राज्यपाल' 
राजेश ठाकुर ने कहा राज्यपाल को बीजेपी के पॉलिटिकल एजेंडा में नहीं पड़ना चाहिए. उपद्रवियों का पोस्टर जारी करने का निर्देश देने का अधिकार का राज्यपाल को नहीं है वो सिर्फ सलाह दे सकते हैं. राज्यपाल को पता होना चाहिए की यहां झारखंड में चुनी हुई सरकार है. राष्ट्रपति शासन नहीं है. बीजेपी हिंसा पर सियासी लाभ लेना चाहती है. राजेश ठाकुर ने राज्यपाल पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप भी लगाया है. 


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