Jharkhand CM Hemant Soren Reaction Over Ranchi Violence: झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Sore) ने सोमवार को लोगों को आगाह किया कि वो आवेग में आकर कोई कार्य ना करें. उन्होंने कहा कि राज्य की राजधानी रांची (Ranchi) युद्ध का मैदान नहीं है. रांची में पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा की गवाह बनी थी. रांची में शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन के दौरान 2 लोगों की मौत (Death) हो गई थी और कई पुलिस अधिकारियों सहित 2 दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे.


'शहर युद्ध का मैदान नहीं'
सीएम हेमंत सोरेन ने संवाददाताओं से कहा कि, ''देश एक अजीबोगरीब दौर से गुजर रहा है. हमें बड़ी सावधानी और समझ के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है. लोग अक्सर आवेग में गलती कर बैठते हैं. ये शहर युद्ध का मैदान नहीं है. हमें मौजूदा स्थिति को समझते हुए कदम उठाने की जरूरत है.'' मुख्यमंत्री ने दावा किया कि हर घटना के पीछे कोई छिपा हुआ एजेंडा लगता है. सोरेन ने कहा कि, ''आज की नाजुक स्थिति में देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है.''






राज्यपाल ने अफसरों के किया तलब 
बता दें कि, रांची में हिंसा-उपद्रव की घटना और राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बीते एक हफ्ते के दौरान हुई बड़ी आपराधिक वारदातों को लेकर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने सोमवार को डीजीपी नीरज सिन्हा सहित राज्य के वरीय पुलिस अफसरों को राजभवन में तलब किया. राज्यपाल ने डीजीपी को पूछा कि रांची में हुई हिंसा और उपद्रव को लेकर पुलिस के पास क्या इंटेलिजेंस इनपुट थे और इसके आधार पर उन्होंने प्रिवेंटिव एक्शन क्यों नहीं लिया? राज्यपाल ने डीजीपी को निर्देश दिया है कि रांची में शुक्रवार को सड़कों पर हिंसा-उपद्रव करने वालों लोगों की पहचान कर उनकी तस्वीरों और नाम-पते के साथ शहर के प्रमुख स्थान पर होर्डिंग्स लगवाएं, ताकि आम नागरिक इनके बारे में पुलिस को सूचना दे सकें. राज्यपाल ने जिन अफसरों को तलब किया, उनमें डीजीपी के अलावा राज्य के एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर, रांची के उपायुक्त छवि रंजन और एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा शामिल थे.


ये भी पढ़ें:


Mandar Bypoll: झारखंड के मांडर विधानसभा उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना, जानें- सबकुछ


Ranchi Violence: झारखंड के राज्यपाल ने रांची हिंसा पर डीजीपी और दूसरे अधिकारियों को किया तलब, पूछे ये सवाल