Ranchi Violence: झारखंड सरकार ने आरोपियों का पोस्टर जारी करने पर रांची के SSP से मांगी सफाई
Ranchi News: रांची हिंसा को लेकर आरोपियों की तस्वीरों वाला पोस्टर जारी किए जाने के बाद राज्य के गृह सचिव राजीव अरुण एक्का ने रांची एसएसपी से इस कथित 'गैरकानूनी' गतिविधि पर स्पष्टीकरण मांगा है.
Jharkhand Ranchi Violence Update: झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) में बीते शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के कथित आरोपियों की तस्वीरों वाला पोस्टर जारी किए जाने के एक दिन बाद राज्य के गृह सचिव राजीव अरुण एक्का (Rajiv Arun Ekka) ने बुधवार शाम वारिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से इस कथित 'गैरकानूनी' गतिविधि पर स्पष्टीकरण मांगा है. गौरतलब है कि, राज्य की राजधानी में विभिन्न स्थानों पर पोस्टर लगाने के बाद पुलिस ने 'तकनीकी त्रृटि' के कारण इन्हें वापस ले लिया था. पुलिस ने कहा था कि वो त्रृटि को ठीक कर पोस्टर जारी करेगी. गृह, कारागार और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव एक्का ने एसएसपी को लिखे पत्र में कहा कि, ''यह कानून सम्मत नहीं है और नौ मार्च 2020 को माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) द्वारा जारी आदेश का उल्लंघन है.''
'JMM के दबाव में उतारे गए पोस्टर'
भले ही झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) ने रांची हिंसा (Ranchi Violence) के आरोपियों की तस्वीरों वाला पोस्टर (Poster) जारी करने के बाद संशोधन के लिए वापस ले लिया हो लेकिन, इस बीच मामले को लेकर राज्य का सियासी पारा भी चढ़ गया है. बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी (Babulal marandi) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) पर निशाना साधते हुए कहा है कि, ''रांची पुलिस के द्वारा शहर में लगाए गए उपद्रवियों के पोस्टर चंद घंटों में JMM के दबाव में उतार लिए गए. जाहिर है कि सत्ता में बैठे लोग अभी जोड़-घटाव में जुटे हैं. तुष्टिकरण को नुकसान ना पहुंचे, भले ही शहर को आग में झोंकने वाले उपद्रवियों को बचाकर इसकी कीमत चुकाई जाए.''
'कांग्रेस नहीं चाहती है कि पोस्टर लगे'
इस बीच बता दें कि, झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) ने कहा है कि, कांग्रेस (Congress) ये नहीं चाहती है कि, उपद्रवियों का पोस्टर लगे. उपद्रवियों का पोस्टर लगने, बुलडोजर (Bulldozer) चलने से कोई फायदा नहीं होता. हिंसा में शामिल लोगों पर पुलिस कार्रवाई करे. राजेश ठाकुर ने कहा राज्यपाल को बीजेपी के पॉलिटिकल एजेंडे में नहीं पड़ना चाहिए. उपद्रवियों का पोस्टर जारी करने का निर्देश देने का अधिकार का राज्यपाल को नहीं है वो सिर्फ सलाह दे सकते हैं. राज्यपाल को पता होना चाहिए की यहां झारखंड में चुनी हुई सरकार है. राष्ट्रपति शासन नहीं है. बीजेपी हिंसा पर सियासी लाभ लेना चाहती है. राजेश ठाकुर ने राज्यपाल पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप भी लगाया है.
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