Ranchi Violence: केंद्र सरकार का सख्त रुख, गृह मंत्रालय ने गवर्नर रमेश बैस से मांगी रिपोर्ट
Ranchi News: रांची में हुई हिंसा के बाद केंद्र सरकार सख्त नजर आ रही है. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) से रिपोर्ट मांगी है.
Ranchi Violence Home Ministry Sought Report From Governor Ramesh Bais: बीते शुक्रवार को झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) में जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के 4 दिन बीत जाने के बाद पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है. राजधानी रांची के मेन रोड में 144 धारा लगा दी गई है, जिसके बाद चप्पे-चप्पे पर पुलिस प्रशासन की मौजूदगी नजर आ रही है. मंदिर और मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासन के लोग मौजूद हैं. राजधानी रांची में हुई हिंसा के बाद केंद्र सरकार (Central Government) इस मामले में सख्त नजर आ रही है. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) से रिपोर्ट मांगी है.
राजभवन ने अधिकारियों को किया तलब
बताया जा रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने खुद इस मामले में तत्परता दिखाई है, जिसके बाद राजभवन ने सोमवार को रांची के डीजीपी समेत कई आला अधिकारियों को तलब किया था और उनसे तमाम बातों पर जानकारी हासिल की. राजभवन ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और साथ ही फरमान सुनाया है कि जितने भी उपद्रवियों ने घटना को अंजाम दिया है उनके पोस्टर और होर्डिंग शहर के मुख्य चौराहों पर लगा दिए जाएं ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और पुलिस प्रशासन की मदद कर सके. राज्यपाल रमेश बैस ने पुलिस प्रशासन से इस संबंध में कई सवाल किए हैं जो इस प्रकार हैं.
- राज्यपाल रमेश बैस ने पुलिस प्रशासन से पूछा की प्रस्तावित घटना, धरना प्रदर्शन, जुलूस के बारे में प्रशासन के पास क्या जानकारी थी और क्या-क्या व्यवस्थाएं की गई थी. आपके पास आईबी, सीआईडी स्पेशल ब्रांच ने क्या-क्या इनपुट दिए थे.
- राज्यपाल रमेश बैस ने प्रशासन से पूछा कि जानकारी होने के बावजूद आपने कोई प्रीवेंटिव एक्शन क्यों नहीं लिया.
- जुलूस के संचालन के दौरान कितने सुरक्षाकर्मी और दंडाधिकारी वहां उपस्थित थे.
- आपने वाटर कैनन रबड़ बुलेट और आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया.
- राज्यपाल ने पुलिस प्रशासन से पूछा की घटना के वक्त पुलिस अधिकारी और कर्मियों ने हेलमेट और सुरक्षा के सामानों का प्रयोग क्यों नहीं किया.
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को करें दंडित
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने पुलिस प्रशासन को कहा सभी प्रदर्शनकारियों और पकड़े गए लोगों का विवरण प्राप्त करें. नाम-पता सर्वजनिक करें, शहर के मुख्य स्थानों पर उनके फोटो लगाकर होर्डिंग बनाया जाए ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और पुलिस की मदद कर सके. उन्होंने ये भी कहा कि जो लोग इन घटनाओं के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैला रहे हैं, क्या आपने उनकी पहचान की है और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की है. ऐसे सभी लोगों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें दंडित भी किया जाना चाहिए.
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