Ranchi: 80 फीसदी लोगों की प्यास बुझाने वाले रुक्का डैम में घटा जलस्तर, मानसून में हुई देरी तो बढ़ेंगी मुश्किलें
Rukka Water Dam: रुक्का डैम में पीने योग्य पानी मात्र 3.5 फीट बचा है. 15 जून तक जलापूर्ति हो पाएगी. मानसून समय पर आ गया तो दिक्कत नहीं होगी, लेकिन मानसून में देरी हुई तो राशनिंग की नौबत आएगी.
Jharkhand News: झारखंड के रांची (Ranchi) शहर के डैमों (Dam) में जलस्तर तेजी से घट रहा है. हालात यह है कि शहर की 80% आबादी को पानी पिलाने वाला रुक्का डैम भी सूखने के कगार पर है. यहां पीने योग्य सिर्फ 3.5 फीट पानी ही बचा है. डैम से रोजाना करीब 40 मिलियन गैलन पानी की आपूर्ति होती है. इसी तरह पानी की आपूर्ति हुई तो सिर्फ 25 दिन तक ही लोगों की प्यास बुझाई जा सकती है. अगर 20 जून तक मानसून नहीं पहुंचा तो राशनिंग की नौबत आ सकती है. इससे पानी के लिए शहर में त्राहिमाम मचेगा.
वहीं गोंदा डैम का जलस्तर भी 17 फीट पर पहुंच गया है. यहां से रोज करीब 4 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है यानी यहां करीब 40 दिन का पानी बचा है. वहीं हटिया डैम की स्थिति अभी तक अच्छी है. वहीं 21 मई को यहां का जलस्तर 28 फीट था, जो पिछले साल के मुकाबले महज दो फीट कम है. यहां से रोज 8 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है. करीब 3 माह का पानी बचा है. बता दें कि, रुक्का डैम का जलस्तर घटने के साथ ही चारों तरफ जलकुंभी फैल गई है. यह सड़ने लगा है. पानी की गुणवत्ता काफी खराब हो गई है.
सूख रहे हैं शहर के तालाब
टाउन लाइन, रातू रोड और जिला स्कूल पंप में जो पानी पहुंच रहा है, उसका रंग पीला हो रहा है साथ ही दुर्गंध भी आ रही है. इसके बावजूद यही पानी पीना लोगों की मजबूरी बनी हुई है. वहीं तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी की वजह से शहर के कई तालाब सूख गए हैं. 60 प्रतिशत तालाबों का पानी तलहटी में पहुंच गया है. तालाबों में पानी भरे रहने से आसपास के क्षेत्रों में भू-गर्भ जल स्तर की स्थिति अच्छी रहती थी, लेकिन इस बार तालाब सूखने की वजह से भू-गर्भ जल स्तर काफी नीचे चला गया है. इसका असर बोरवेल पर पड़ रहा है. रोजाना किसी न किसी के घर का बोरवेल फेल हो रहा है.
रुक्का डैम में सिर्फ 42 इंच पानी बचा
हालात इतने अधिक खराब हो रहे हैं कि नया बोरवेल कराने के लिए तीन से चार दिन का इंतजार करना पड़ रहा है. रुक्का प्रमंडल ईई राधेश्याम रवि ने बताया कि, रुक्का डैम में पीने योग्य पानी मात्र 3.5 फीट बचा है. 15 जून तक जलापूर्ति हो पाएगी. मानसून समय पर आ गया तो दिक्कत नहीं होगी, लेकिन मानसून में देरी हुई तो राशनिंग की नौबत आएगी.
जलकुंभी से पानी की गुणवत्ता कुछ प्रभावित हुई है पर हमलोग पानी को साफ करने के लिए केमिकल का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि दुर्गंध न उठे. जलस्तर बढ़ने से यह समस्या भी दूर हो जाएगी. बता दें कि, रुक्का डैम में पानी सिर्फ 42 इंच बचा हुआ है और वहां से रोज 1.68 इंच पानी सप्लाई हो रहा है.