Jharkhand News: झारखंड के साहिबगंज (Sahibganj) जिला के जिरवाबाड़ी ओपी क्षेत्र अंतर्गत छोटा पंगड़ो में पंचायत द्वारा दिए गए तालिबानी फरमान से एक परिवार में दहशत का माहौल है. वहीं इस फरमान के बाद परिवार ने जिले के अधिकारियों से सुरक्षा के साथ न्याय की गुहार लगाई है. दरअसल, ओपी थाना क्षेत्र अंतर्गत मदनसाही छोटा पंगडो निवासी महिला सनेजा खातून पति मोहम्मद अंसार उल अंसारी ने उपायुक्त रामनिवास यादव को एक लिखित आवेदन दिया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि, मौजा छोटा पंगड़ों में कुछ जमीन और मकान मेरे नाम पर है, लेकिन पड़ोसी शमशेर व उनके परिवार के लोग मेरी जमीन व मकान हड़पना चाहते हैं. 


इस संबंध में मैंने कई बार संबंधित थाना में शिकायत भी किया था, जिसके बाद वो लोग मेरे खिलाफ और साजिश करने लगे. आवेदन में आगे कहा गया कि, बीते पांच जुलाई को उन लोगों ने एक पंचायत बुलाई. यहां पर हमारे जमीन के कागजात को फड़वा कर जबरन शमशेर के पक्ष में कागज बनवाने का दबाव बनाया गया. वहीं हमारे विरोध करने पर हमारे पूरे परिवार के खिलाफ मदनसाही छोटा पंगड़ो पंचायत ने एक फरमान जारी किया है. इसमें मेरे पूरे परिवार को समाज से अलग कर राशन, पानी, रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित करने का हुक्म जारी किया गया. वहीं पंचायत में यह भी कहा गया कि, अगर कोई फतवा को नहीं मानता है तो उस पर जुर्माना लगेगा और साथ ही शारीरिक दंड भी दिया जाएगा. 


बात न मानने वालों को मिलेगी ये सजा
वहीं पीड़ित परिवार ने आवेदन में आगे कहा कि, तब से हमारे परिवार से कोई भी व्यक्ति रिश्ता नहीं रख रहा है और न ही मुझे गांव के किसी दुकान से राशन, पानी, दवाइयां दे रहा है. इस वजह से हम भूख और डर से मरने की स्थिति में आ गए हैं. पीड़ित परिवार का कहना है कभी भी उनके साथ मॉब लिंचिंग जैसी घटना घट सकती है. बता दें कि, इसके पहले भी उन्होंने आठ जुलाई को पुलिस अधीक्षक को भी एक आवेदन देकर मामले की पूरी जानकारी दी थी. पंचायत द्वारा फैसला लिया गया कि इस पूरे परिवार को गांव के लोगों द्वारा कोई भी राशन, पानी, लेनदेन यहां तक की बच्चों को दूध तक नहीं देगा. अगर कोई बात नहीं मानता या फिर उस परिवार को राशन-पानी देने की कोशिश करता है तो पंचायत उस पर कार्रवाई करते हुए दस हजार जुर्माना व 15 लाठी की सजा देगी.


डीसी ने दिया जांच का आदेश
बता दे कि, पीड़ित सनेजा खातून के परिवार में 14 सदस्य हैं जो पिछले दस दिनों से राशन बंद किये जाने के कारण खाना तक नहीं बना है. घर में साल भर के छोटे बच्चे भी हैं जिन्हें दूध भी नहीं मिल रहा है. ऐसे में परिवार काफी डरा हुआ है और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है. वहीं इस मामले में साहिबगंज के डीसी राम निवास यादव ने एबीपी न्यूज को बताया कि, मामला जमीन से जुड़ा है. पीड़ित परिवार के लोग हमारे पास आये थे हमने जांच के लिए एसडीओ साहिबगंज को निर्देश दिया है. इधर एसडीओ ने डीसी के आदेश पर गांव पहुंचकर पीड़ित और पंचायत के लोगों से बातकर मामले की जांच कर रहे हैं.





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