Rabika Murder Case: बेटी की लाश टुकड़ों में बंटी ताबूत में भरकर जब उसके माता-पिता के घर लाई गई तो हर कोई फफक-फफक कर रो पड़ा. मां यह कहकर विलाप करती रही कि आखिरी विदाई के पहले कोई बेटी का चेहरा दिखा दे, पर दरिंदों ने उसका चेहरा तो क्या, शरीर का कोई भी अंग साबूत नहीं छोड़ा. पुलिस ने मृतका की लाश के 40 टुकड़े बरामद किए, लेकिन सिर कहां ठिकाने लगाया गया यह पता नहीं चल पाया. मंगलवार को मृतका की लाश के अवशेष को उसके पैतृक गांव के पास गोंडा पहाड़ में गम और गुस्से के बीच दफना दिया गया. अंतिम संस्कार के वक्त साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव, एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा, प्रखंड विकास पदाधिकारी टूटू दिलीप सहित कई अफसर मौजूद रहे.
50 टुकड़े किये गये
बता दें कि साहिबगंज जिले के बोरियो थाना क्षेत्र निवासी आदिम पहाड़िया जनजाति की 22 वषीर्या मृतका की हत्या उससे महज डेढ़ महीने पहले शादी रचाने वाले दिलदार अंसारी और उसके परिवार के लोगों ने कर दी थी. इसके बाद बेहद क्रूरता के साथ उसकी लाश के 50 टुकड़े कर दिए थे. पुलिस ने अब तक दिलदार अंसारी, उसके पिता मो. मुस्तकिम अंसारी, मां मरियम खातून, पहली पत्नी गुलेरा अंसारी, भाई अमीर अंसारी, महताब अंसारी, बहन सरेजा खातून सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. इस वारदात का मास्टर माइंड दिलदार का मामा मोइनुल अंसारी बताया जा रहा है, जो पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
गर्भवती थी मृतका
इस हत्याकांड की अब तक हुई जांच से पता चला है कि मृतका की बोटी-बोटी करने वालों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं. उसके शव की पहचान न हो सके, इसके लिए आरोपियों ने उसकी खाल तक उतार दी थी. अब तक मिले शवों के टुकड़ों में दाएं पैर का अंगूठा ही साबूत मिला जिससे पहचान हो सकी. पुलिस सूत्रों की मानें तो मृतका गर्भवती थी. एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने जांच पूरी हो जाने के बाद ही किसी बिंदु पर आधिकारिक तौर पर कुछ कह सकेंगे.
दिलदार की मां ने उसकी लाश को बोटियों में काटकर ठिकाने लगाने के लिए अपने भाई मोइनुल अंसारी को 20 हजार रुपए की सुपारी दी थी. उसी ने अपने साथी मैनुल हक मोमिन के घर में लाकर उसके टुकड़े-टुकड़े किए. पुलिस ने मौके से दो हथियार बरामद किए हैं. अब तक जांच में यह बात आई है कि शव के टुकड़े इलेक्ट्रिक कटर जैसे किसी औजार से किए गए, लेकिन वह अब तक नहीं मिला है.