Sammed Shikhar: पारसनाथ में शांति के प्रयासों में जुटा प्रशासन, कहा- 'चलती रहेगी भाईचारे की परंपरा'
इस विवाद का निपटारा करने के लिए रविवार को मधुबन स्थित गेस्ट हाउस में महत्वपूर्ण बैठक हुई. विधायक सुदिव्य कुमार, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अमित रेणु, अपर समाहर्ता विल्सन वेंगरा की मौजूदगी में हुई.
Sammed Shikhar: पारसनाथ (सम्मेद शिखर) को लेकर जैन धर्म के आंदोलन के बाद ईको टूरिज्म की गतिविधियों पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने रोक लगा दी. इसके साथ ही पारसनाथ क्षेत्र में मांस-मदिरा के साथ—साथ ट्रैकिंग व कैंपिंग पर भी रोक लगा दी. इसके बाद जैन धर्म के लोगों ने आंदोलन समाप्त कर दिया. जैन धर्म के लोगों ने सरकार के निर्णय का स्वागत भी किया.
आदिवासी समाज ने शुरू किया सरकार का विरोध
इस बीच आदिवासी समाज ने सरकार के इस निर्णय का विरोध शुरू कर दिया. आदिवासी समाज के लोग पारसनाथ को मारंग बुरु कहते हैं. उनका कहना है कि सरकार ने उनकी अनदेखी की है. आदिवासी समाज व स्थानीय लोगों ने इसको लेकर आंदोलन की रणनीति भी बना ली है. इससे यहां पर टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
प्रशासन ने लोगों के साथ मधुबन गेस्ट हाउस में की बैठक
इस विवाद का निपटारा करने के लिए रविवार को मधुबन स्थित गेस्ट हाउस में महत्वपूर्ण बैठक हुई. विधायक सुदिव्य कुमार, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अमित रेणु, अपर समाहर्ता विल्सन वेंगरा की मौजूदगी में हुई. बैठक में जैन समाज और ट्रस्ट के प्रतिनिधि, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्थानीय संथालियों और गैर संथालियों के बीच वार्ता हुई. इस दौरान दोनों पक्षों ने अपनी बातें रखीं.
दोनों पक्षों ने कहा कि जिस तरह का सहयोगात्मक कार्य पूर्व से चलता आ रहा था, वह चलता रहेगा. न जैन तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी होनी चाहिए और न ही संथाल समुदाय के लोगों को मरांग बुरु तीर्थस्थल पर जाने में कोई परेशानी होनी चाहिए.
दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति, नये नियम नहीं
वार्ता में दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी कि किसी भी प्रकार के नए नियम जैन समाज की तरफ से नहीं लगाये जाएंगे और न ही किसी तरह का प्रतिबंध संथालों की तरफ से होगा. पूर्व की तरह दोनों ही अपने अपने तीर्थस्थल और धार्मिक रीति रिवाज और परंपरा का सम्मान करेंगे. बैठक में विधायक के सुझाव पर अब एसडीओ की अध्यक्षता में अनुमंडल स्तर की कमिटी बनाने का निर्णय लिया गया.
इस कमिटी में एसडीओ, बीडीओ, अंचलाधिकारी, जैन समुदाय के सदस्य, स्थानीय जनप्रतिनिधि और मरांग बुरु के प्रतिनिधि शामिल होंगे. सांसद और विधायक पदेन सदस्य होंगे. बहुत जल्द इसका प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा. किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होने पर यह कमिटी सबसे पहले विवाद को सुलझाने का प्रयास करेगी. बैठक के बाद विधायक व डीसी ने पूरे मामले से मीडिया को अवगत कराया.