एक्सप्लोरर

Sammed Shikhar: सम्मेद शिखर को लेकर क्यों खड़ा हुआ विवाद? जानें- इस स्थान का इतिहास-भूगोल और महत्व

केंद्र सरकार ने पारसनाथ पहाड़ी के एक भाग को वन्य जीव अभयारण्य और इको सेंसेटिव जोन तो वहीं झारखंड सरकार ने इसे धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित किया है. जिसके बाद इसे लेकर विवाद शुरु हो गया.

Parasnath Pahad Sammed Shikharji: झारखंड के गिरिडीह जिले (Giridih District) में स्थित जैनियों के सर्वोच्च तीर्थस्थल पारसनाथ पहाड़ी सम्मेद शिखर (Parasnath Pahad Sammed Shikharji) को पर्यटन स्थल के रूप में नोटिफाई किए जाने पर देश-विदेश में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है. सरकार के इस फैसले के विरोध में राजस्थान (Rajasthan) के सांगानेर (Sanganer) में अनशन करते हुए जैन मुनि सुज्ञेयसागर जी (Jain Muni Sugyeya Sagar) ने मंगलवार को देह त्याग दिया. इसके बाज जैन धर्मावलंबियों का आक्रोश और उबल पड़ा है.

दूसरी तरफ इस विवाद पर सियासत भी तेज हो गई है. झारखंड में सरकार का नेतृत्व करने वाली पार्टी जेएमएम ने इस विवाद को बीजेपी का 'पाप' करार दिया है. दूसरी तरफ बीजेपी का आरोप है कि झारखंड की मौजूदा सरकार की हठधर्मिता से लाखों-करोड़ों जैन धर्मावलंबियों की आस्था आहत हो रही है. आइए, समझते हैं सम्मेद शिखर की महत्ता क्या है, इस स्थान को लेकर उपजे विवाद की वजह और क्रोनोलॉजी क्या है और इस विवाद का हल किन तरीकों के निकल सकता है?

क्या है सम्मेद शिखर का इतिहास-भूगोल और महत्व?
यह स्थान झारखंड के गिरिडीह जिले में है. भौगोलिक दृष्टि से देखें तो यह झारखंड की सबसे ऊंची पहाड़ी है, जिसे आमतौर पर पारसनाथ पहाड़ी के नाम से जाना जाता है. इसकी ऊंचाई एक हजार 350 मीटर है. इसे झारखंड के हिमालय के रूप में जाना जाता है. दुनिया भर के जैन धर्मावलंबी इस पहाड़ी को श्री शिखर जी और सम्मेद शिखर के रूप में जानते हैं. यह उनका सर्वोच्च तीर्थ स्थल है. इस पहाड़ी की तराई में स्थित कस्बे को मधुवन के नाम से जाना जाता है. जैन धर्म में कुल 24 तीथर्ंकर (सर्वोच्च जैन गुरु) हुए. इनमें से 20 तीथर्ंकरों ने यहीं तपस्या करते हुए देह त्याग किया यानी निर्वाण या मोक्ष प्राप्त किया. 

इनमें 23वें तीथर्ंकर भगवान पाश्र्वनाथ भी थे. भगवान पाश्र्वनाथ की टोंक इस शिखर पर स्थित है. पाश्र्वनाथ का प्रतीक चिन्ह सर्प है. उन्हीं के नाम पर इस स्थान का नाम पारसनाथ पड़ा. यह 'सिद्ध क्षेत्र' कहलाता है और जैन धर्म में इसे तीर्थराज अर्थात 'तीर्थों का राजा' कहा जाता है. यहां हर साल लाखों जैन धर्मावलंबी आते हैं. वे मधुवन में स्थित मंदिरों में पूजा-अर्चना के साथ पहाड़ी की चोटी यानी शिखर पर वंदना करने पहुंचते हैं. मधुवन से शिखर यानी पहाड़ी की चोटी की यात्रा लगभग नौ किलोमीटर की है. जंगलों से घिरे पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालु पैदल या डोली से जाते हैं.

तीर्थ स्थल बनाम पर्यटन स्थल का विवाद क्या है?
केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पारसनाथ पहाड़ी के एक भाग को वन्य जीव अभयारण्य और इको सेंसेटिव जोन घोषित किया है, जबकि झारखंड सरकार ने अपनी पर्यटन नीति में इसे धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित किया है. जैन धर्मावलंबियों का कहना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने से इस पूज्य स्थान की पवित्रता भंग होगी. यहां लोग पर्यटन की दृष्टि से आएंगे तो मांस भक्षण और मदिरा पान जैसी अनैतिक गतिविधियां बढ़ेंगी और इससे अहिंसक जैन समाज की भावना आहत होगी. इसलिए इसे तीर्थस्थल रहने दिया जाए. केंद्र और राज्य की सरकारों ने इसे पर्यटन स्थल घोषित करने का जो नोटिफिकेशन जारी किया है, उसे वापस लिया जाए. देश-विदेश में पिछले एक महीने के दौरान इस मांग को लेकर जैन धर्मावलंबियों के मौन प्रदर्शन का सिलसिला जारी है.

क्या है विवाद की क्रोनोलॉजी?
22 अक्टूबर 2018 को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में झारखंड सरकार के पर्यटन, कला संस्कृति और खेलकूद विभाग ने एक कार्यालय आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि पारसनाथ सम्मेद शिखर जी सदियों से जैन धर्मावलंबियों का पवित्र और पूजनीय स्थल है और इसकी पवित्रता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है.

26 फरवरी 2019 को इसी सरकार ने एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें गिरिडीह के पारसनाथ मधुवन का उल्लेख पर्यटन स्थल के तौर पर किया गया है. यह गजट अधिसूचना अकेले पारसनाथ मधुवन के बारे में नहीं, बल्कि इसमें राज्य के सभी 24 जिलों के पर्यटन स्थलों का उल्लेख किया गया है. 2 अगस्त 2019 को भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने एक गजट जारी किया, जिसमें इसे वन्य जीव अभयारण्य, इको सेंसेटिव जोन पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है.

झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने वर्ष 2021 में नई पर्यटन नीति घोषित की और इसका गजट नोटिफिकेशन 17 फरवरी 2022 को जारी किया गया. इसमें पारसनाथ को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है. इस नोटिफिकेशन में धर्मस्थल की पवित्रता बरकरार रखते हुए इसके विकास की बात कही गई है.

जैन समाज सम्मेद शिखर यानी पारसनाथ को पर्यटन स्थल घोषित करने वाली इन सभी नोटिफिकेशन का विरोध कर रहा है. समाज के धर्मगुरुओं का कहना है कि इसे धार्मिक स्थल रहने दिया जाए, अन्यथा पर्यटन क्षेत्र बनाने से इस स्थान की पवित्रता भंग हो जाएगी. इसी मांग को लेकर दिसंबर और जनवरी में देश-विदेश के कई शहरों में जैन धर्मावलंबियों ने मौन जुलूस निकाला है और प्रदर्शन किया है.

कैसे हो सकता है विवाद का हल?
इस विवाद का सुलझाने के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की ओर से पहल करनी होगी. अगर जैन धर्मावलंबियों की मांग पर सहमति बने तो दोनों सरकारों को अपनी गजट अधिसूचनाएं वापस लेनी होंगी. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है कि वे इस विषय के सभी पहलुओं से अवगत हो रहे हैं. उनकी सरकार हर धार्मिक समाज की आस्था का सम्मान करती है और ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया जाएगा जिससे आस्था आहत हो. 

झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि जैन धर्मावलंबियों की भावनाओं और आस्था को ध्यान में रखते हुए, इस स्थान को पर्यटन स्थल घोषित करने के निर्णय की दोबार समीक्षा की जानी चाहिए. उन्होंने यह भी लिखा है कि इस स्थान को तीर्थ स्थल ही रखना उचित होगा.

यह भी पढ़ें:

Sammed Shikharji: सम्मेद शिखरजी पर जैन समाज को मिला मायावती का साथ, केंद्र और झारखंड सरकार से की यह मांग

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'कुरान में 38 एरर बताने वाला शख्स बेहद इंटेलीजेंट... सिर्फ मैं ही दे पाया जवाब', जाकिर नाइक ने सुनाया 24 साल पुराना किस्सा
'कुरान में 38 एरर बताने वाला शख्स बेहद इंटेलीजेंट... सिर्फ मैं ही दे पाया जवाब', जाकिर नाइक ने सुनाया 24 साल पुराना किस्सा
बीजेपी विधायक नितेश राणे का विवादित बयान, '24 घंटे के लिए पुलिस को छुट्टी पर भेज दो, हिंदू...'
बीजेपी MLA नितेश राणे का विवादित बयान, '24 घंटे के लिए पुलिस को छुट्टी पर भेज दो, हिंदू अपनी ताकत दिखा देंगे'
ब्लैक साड़ी में रुबीना दिलैक ने शेयर की दिलकश तस्वीरें, बोलीं - ‘वक्त के साथ किस्मत लिख रही हूं’
रुबीना ने शेयर की दिलकश तस्वीरें,बोलीं - ‘वक्त के साथ किस्मत लिख रही हूं’
Cancer: मल में दिखने लगा है कालापन तो ये कैंसर का हो सकता है संकेत, तुरंत करें ये काम
मल में दिखने लगा है कालापन तो ये कैंसर का हो सकता है संकेत, तुरंत करें ये काम
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

'PDP के दरवाजे पर आई थी BJP', PM Modi को Mehbooba Mufti का जवाब | ABP News | Breaking |Tirupati Temple Prasad: तिरुपति मंदिर के प्रसाद पर विवाद को लेकर फूटा जनता का गुस्सा !Tirupati Temple Prasad: तिरुपति मंदिर में प्रसाद मामले में हाईकोर्ट पहुंची YSRCP, जांच की मांग कीTirupati Temple Prasad: तिरुपति प्रसादम विवाद पर Congress नेता Pawan Khera ने जांच की मांग की

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'कुरान में 38 एरर बताने वाला शख्स बेहद इंटेलीजेंट... सिर्फ मैं ही दे पाया जवाब', जाकिर नाइक ने सुनाया 24 साल पुराना किस्सा
'कुरान में 38 एरर बताने वाला शख्स बेहद इंटेलीजेंट... सिर्फ मैं ही दे पाया जवाब', जाकिर नाइक ने सुनाया 24 साल पुराना किस्सा
बीजेपी विधायक नितेश राणे का विवादित बयान, '24 घंटे के लिए पुलिस को छुट्टी पर भेज दो, हिंदू...'
बीजेपी MLA नितेश राणे का विवादित बयान, '24 घंटे के लिए पुलिस को छुट्टी पर भेज दो, हिंदू अपनी ताकत दिखा देंगे'
ब्लैक साड़ी में रुबीना दिलैक ने शेयर की दिलकश तस्वीरें, बोलीं - ‘वक्त के साथ किस्मत लिख रही हूं’
रुबीना ने शेयर की दिलकश तस्वीरें,बोलीं - ‘वक्त के साथ किस्मत लिख रही हूं’
Cancer: मल में दिखने लगा है कालापन तो ये कैंसर का हो सकता है संकेत, तुरंत करें ये काम
मल में दिखने लगा है कालापन तो ये कैंसर का हो सकता है संकेत, तुरंत करें ये काम
IND vs BAN 1st Test: बांग्लादेश पर कहर की तरह टूटे आकाश दीप, चेन्नई टेस्ट में झटके लगातार दो विकेट
बांग्लादेश पर कहर की तरह टूटे आकाश दीप, चेन्नई में झटके लगातार 2 विकेट
तिरुपति लड्डू विवाद: HC पहुंची जगन की पार्टी, नायडू के आरोपों की जजों की कमेटी से जांच कराने की मांग
तिरुपति लड्डू विवाद: HC पहुंची जगन की पार्टी, नायडू के आरोपों की जजों की कमेटी से जांच कराने की मांग
Opinion: रवनीत बिट्टू का राहुल गांधी पर बयान शर्मनाक, राजनीतिक मूल्यों में आई भारी गिरावट
Opinion: रवनीत बिट्टू का राहुल गांधी पर बयान शर्मनाक, राजनीतिक मूल्यों में आई भारी गिरावट
Job Alert: हाईकोर्ट में निकली नौकरियों के लिए आवेदन करने का आखिरी मौका, 8वीं पास भर सकते हैं फॉर्म, दमदार है सैलरी
हाईकोर्ट में निकली नौकरियों के लिए आवेदन करने का आखिरी मौका, 8वीं पास भर सकते हैं फॉर्म, दमदार है सैलरी
Embed widget