Jharkhand News: झारखंड के सरायकेला (Saraikela) जिले में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. दरअसल, कंज्यूमर कोर्ट से एक फैसला सार्वजनिक किया गया, तब पता चला कि 2019 में पूजा देवी ने एक मामला सरायकेला कंज्यूमर फोरम में दर्ज कराया था. इसमें जिले के एक नामचीन अस्पताल शिवा नर्सिंग होम में पथरी का इलाज कराने के लिए पूजा देवी डॉक्टर विवेक चंद्रा से मिली. इसके बाद डॉ. विवेक चंद्रा ने पूजा देवी का पथरी का ऑपरेशन किया, लेकिन महीने भर बाद भी दर्द कम नहीं हुआ. ऐसे में पूजा देवी डॉक्टर विवेक चंद्रा को दोबारा दिखाने पहुंची तो उन्होंने कहा कि, आप किसी बड़े अस्पताल से संपर्क करें मामला बढ़ा हुआ है.
पीड़ित महिला जब टाटा मुख्य अस्पताल गई और इलाज करवाया तो पता कि, इसके पहले उनका ऑपरेशन हुआ ही नहीं है. जिसके बाद पीड़ित महिला ने पूरा मामला कोर्ट को बताया. पीड़ित महिला ने बताया कि, पूरे घटनाक्रम में उसके तीन से चार लाख रुपये का नुकसान हुआ. साथ ही उसे मानसिक तौर पर प्रताड़ित भी होना पड़ा. वहीं 2019 में दर्ज मामला चार साल के बाद निष्पादित हुआ है, जहां कंज्यूमर फोरम के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने कंपनसेशन के रूप में एक लाख मानसिक प्रताड़ना के एवज में 50 हजार और लिटिगेशन चार्ज के रूप में 50 हजार देकर डॉ विवेक चंद्रा, शिवा नर्सिंग होम और ओरिएंटल इंश्योरेंस को भुगतान करने का निर्देश दिया गया है.
कंज्यूमर फोरम ने इन मामलों भी दिलाया मुआवजा
इसी महीने दो अन्य मामलों पर कंज्यूमर फोरम ने आदेश पारित किया है, जिसमें फोर्ड कार कंपनी और सरायकेला जिले में मौजूद उसकी एजेंसी जयश्री फोर्ड पर आरोप गठित करते हुए शिकायतकर्ता को मुआवजा भुगतान करने का आदेश भी पारित हुआ है. जानकारी देते हुए कंज्यूमर कोर्ट के चेयरमैन ने बताया कि टी रघुवर्मा नाम के एक व्यक्ति ने कंज्यूमर फोरम में आवेदन देते हुए फोर्ड कार बेचने वाली एजेंसी और फोर्ड कार की कंपनी पर आरोप लगाया है. ग्राहक ने बताया कि उसे फोर्ड इकोस्पोर्ट नाम की जो गाड़ी उपलब्ध कराई गई वह खरीदे गए समय से पुराना मॉडल था. साथ ही ग्राहक को झूठ बोलकर और अपडेटेड मॉडल कहकर बेच दिया गया. जिसके बाद आवेदन सन 2017 में आया वही अप्रैल 2023 में इसका निष्पादन करते हुए आवेदन कर्ता को एक लाख का भुगतान करने को कहा गया है.
2010 से लंबित मामलों पर कार्रवाई शुरू
वहीं फोर्ड कार कंपनी ने बताया कि हमारे द्वारा ऐसा कोई भी प्रचार नहीं किया गया है. पूरी गलती फोर्ड कार बेचने वाले एजेंसी जयश्रीफोर्ड की है, जिसके बाद एजेंसी वालों ने अपनी गलती मानी है और ग्राहक को एक लाख का भुगतान करने की बात स्वीकार की है. वही कंजूमर फोरम के अध्यक्ष ने बताया कि 2010 से लंबित मामलों का निष्पादन सरायकेला का कंज्यूमर फोरम में अब शुरू हो गया है. इसमें कई मामले हैं जिसका निष्पादन लगातार किया जा रहा है. साथ ही लोगों से अपील की गई है कि सहारा, मोटर व्हीकल इस तरह के मामले जल्द से जल्द आकर सरायकेला कंज्यूमर फोरम में दर्ज कराएं, ताकि उन्हें उनके हक का पैसा दिलवाया जा सके.