Jharkhand News: भारतीय जनता मोर्चा (Bhartiya Janta Morcha) के नेता और विधायक सरयू राय (Saryu Roy) की पार्टी झारखंड (Jharkhand) विधानसभा चुनाव जेडीयू के साथ मिलकर लड़ने की तैयारी कर रही है. इसको लेकर दोनों पार्टियों के बीच सहमति बन गई है. यह जानकारी सरयू राय ने खुद सोशल मीडिया पर दी है. झारखंड में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
सरयू राय ने इससे पहले सीएम हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन से भी मुलाकात की थी. इधर, सरयू राय ने शनिवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की और इस मुलाकात की तस्वीर सरयू राय ने 'एक्स' पर शेयर करते हुए इस बात की घोषणा कर दी है कि जेडीयू और भारतीय जनता मोर्चा साथ मिलकर चुनाव लड़ने जा रही है. बता दें कि सरयू राय पहले बीजेपी में थे लेकिन 2019 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. उन्होंने पूर्व सीएम रघुबर दास के जमशेदपुर पूर्व सीट से हरा दिया था. सरयू राय ने तब निर्दलीय चुनाव लड़ा था. जेडीयू अभी बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए का हिस्सा है.
दरअसल, इस तस्वीर ने झारखंड के सियासी गलियारों में कई तरह के सवाल छोड़ दिए हैं. पहला सवाल ये है कि क्या नीतीश कुमार बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़कर झारखंड में विधानसभा चुनाव सरयू राय के भारतीय जनता मोर्चा के साथ मिलकर लड़ेंगे. या फिर बीजेपी-जेडीयू-बीजेएम मिलकर झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी. हालांकि ये भी होना इतना आसान नहीं हैं क्योंकि सरयू राय ने बीजेपी से बगावत कर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़ा था. वहीं अब ये देखना होगा कि आने वाले समय में सियासी दल किसके साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
साथ में चुनाव लड़ने पर बनी सहमति- सरयू राय
उधर, सरयू राय ने नीतीश कुमार से मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, ''पटना मुख्यमंत्री निवास में नीतीश कुमार के साथ भेंट हुई. झारखंड विधानसभा के आगामी चुनाव में हमारी संभावित भूमिका के बारे में संक्षिप्त परंतु फलदायक चर्चा हुई. साथ में झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने पर सहमति बनी. शेष चुनावी औपचारिकताओं पर जद(यु) नेतृत्व शीघ्र निर्णय लेगा.'' सरयू राय एकबार फिर जमशेदपुर पूर्व सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं जिसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है.
सरयू राय पूर्व में झारखंड सरकार में मंत्री रह चुके हैं. वह जमशेदपुर-पश्चिम सीट से भी विधायक रह चुके हैं. उन्होंने 2005 में पहली बार यहां से चुनाव जीता था. हालांकि 2009 में उन्हें कांग्रेस के बन्ना गुप्ता ने हराया था. हालांकि 2014 में फिर वह इस सीट से जीतने में सफल रहे थे.
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