Seraikela Police Bribe Demand: सरायकेला (Seraikela) जिले के अंतर्गत आने वाले अति संवेदनशील थानों में से एक तिरूलडीह से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां पुलिस (Police) की तरफ से एक दिव्यांग शिकायतकर्ता से केस मैनेज करने के नाम पर रिश्वत (Bribe) की मांग की गई है. पूरे मामले को शिकायतकर्ता के फोन में रिकॉर्ड कर लिया और जब ये मामला गम्हरिया उपप्रमुख कीयाम हुसैन (Kiyam hussain) के पास पहुंचा तो उन्होंने पूरे मामले की जानकारी जिला पुलिस अधीक्षक आनंद प्रकाश (Anand Prakash) को दी. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने शिकायतकर्ता को सरायकेला के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से मिलने की सलाह दे डाली. 


कार्यालय से निकल चुके थे अधिकारी 
एक पैर से लाचार शिकायतकर्ता जब तक चांडिल अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचा तब तक पुलिस पदाधिकारी अपने कार्यालय से निकल चुके थे. उपप्रमुख कियाम हुसैन की मदद से सरायकेला पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से चांडिल अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के कार्यालय तक का सफर तो तय हो गया लेकिन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के ना होने से वादी ने अपनी शिकायत अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के कार्यालय में समर्पित की. यहां शिकायत की कॉपी जमा हुई और कार्यालय की तरफ से उसे रिसीव भी किया गया‌ है. 




जानें पूरा मामला 
पूरे मामले को लेकर गम्हरिया प्रखंड उपप्रमुख ने जानकारी साझा की. बताया गया कि जिले के चांडिल अनुमंडल स्थित चौड़ा गांव के अब्दुल्लाह अंसारी नाम के व्यक्ति जो दिव्यांग हैं, किसी तरह से जीवन बसर करते हैं. कुछ दिनों पहले उनके 12 साल के बेटे मसूद अब्दुल्ला पर हुसैन अंसारी नाम के व्यक्ति ने अपने पूरे परिवार के साथ हमला कर दिया. 12 साल के बच्चे को इतनी बुरी तरह पीटा गया कि, वो सड़क पर ही पड़ा रहा और लाश समझकर उसके बच्चे को वहीं छोड़कर हुसैन अंसारी का परिवार वहां से भाग गया. 


जब इसकी जानकारी अब्दुल्लाह अंसारी को हुई तो आनन-फानन में वो मौके पर पहुंचे जहां बेटे की सांस चलती पाई और वो उसे लेकर किसी तरह सरकारी अस्पताल पहुंचे. बच्चे के कान के पास से लगातार खून गिर रहा था. डॉक्टरों ने बच्चे को कई टांके लगाए गए, बच्चा बच गया. पूरे मामले की शिकायत थाने में की गई जिसके बाद पुलिस की तरफ से आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, उलट आरोपियों ने दिव्यांग अब्दुल्लाह और उनके पूरे परिवार पर मामला दर्ज कर दिया, जिसके बाद अब्दुल्लाह अंसारी का पूरा परिवार सकते में आ गया. डर ऐसा छाया कि वो लगातार थाने की पुलिस से मिन्नतें करने लगे जिसके बाद केस के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर चौथा उरांव ने दिव्यांग अब्दुल्लाह से पैसे की मांग कर दी. जिससे परिवार की महिलाओं का नाम केस से हटाकर मैनेज किया जा सके. ये पूरी बात फोन में रिकॉर्ड हो गई है. मामले को लेकर ईचागढ़ विधानसभा के पूर्व विधायक प्रत्याशी सह गम्हरिया प्रखंड के उपप्रमुख कियाम निर्दोष को न्याय और दोषियों को सजा दिलाने के लिए आगे आए हैं. पीड़ित परिवार की मदद करने की बात कही है. 


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