(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jharkhand News: सरायकेला में घटिया सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीणों का विरोध, ठेकेदार पर लगाए गंभीर आरोप
Seraikela News: सरायकेला के बुरूडीह के ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में घटिया सामग्री उपयोग करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा एक तरफ सड़क बनती जा रही है दूसरी तरफ उसमें क्रैक आना भी शुरू हो चुका है.
Jharkhand News: झारखंड के सरायकेला जिले के बुरूडीह के ग्रामीणों ने जागरूकता दिखाते हुए घटिया सड़क निर्माण के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. विरोध के बाद अब सड़क निर्माण शुरू हो गया है. दरअसल, सड़क निर्माण की घोषणा झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनने के बाद साल 2020 में की गई थी. लेकिन अब जब 2024 में होंने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई तो सड़क बनाने का काम शुरू हुआ है.
सड़क निर्माण का काम इसी साल फरवरी में संमपन्न होना था जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. जिसकी गवाही खुद निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार कैमरे पर दे रहे हैं.
निर्माणाधीन सड़क में अभी से आने लगे क्रैक
बुरूडीह में बनाई जा रहे सड़क निर्माण के कार्य में अनियमितताएं पाई जा रहीं हैं. ग्रामीणों ने अपना विरोध दर्ज करते हुए बताया कि सड़क फिलहाल निर्माणाधीन है लेकिन उसके बावजूद कई जगह से सड़क में क्रैक देखा जा सकता है इस क्रैक को ठेकेदार बहुत है चतुराई से गीले सीमेंट के सतह बनाकर छुपाने का काम कर रहे है. जहां सड़क चिकनी होने चाहिए वहां जगह-जगह से सड़क सिढ़ीदार हो चुकी है.
निर्माण कार्य में तमाम चीजें घटिया क्वालिटी की इस्तेमाल हो रही है. ग्राम प्रधान ने बताया कि जो पुरानी सड़क बनी हुए 10 साल से ज्यादा का समय हो गया है. वहीं अब जो सड़क बनाई जा रही है उसमें क्रैक आना शुरू हो गया है.
सड़क निर्माण को लेकर क्या बोले ग्रामीण?
वही एक कॉलेज में पढ़ने वाली ग्रामीण छात्रा ने बताया कि उनका गांव मुख्य सड़क से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है. जिसे तय करने में करीब आधे घंटे का समय लगता है और उसके बाद कॉलेज तक की दूरी तय करने में लगभग 20 किलोमीटर का फासला है. फिलहाल इस दूरी को तय करने में आधे घंटे का समय लगता है अगर यह सड़क बन जाए तो 10 किलोमीटर का फैसला 15 मिनट में तय कर सकते हैं लेकिन यह तब संभव है जब सड़क निर्माण सही से किया गया हो.
वही एक ग्रामीण किसान लखन मुर्मू ने बताया कि पुरानी सड़क जो बनी हुई थी वह इस नई सड़क से काफी अच्छी थी नई सड़क तो एक और बन रही है और दूसरी ओर टूटती जा रही है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने मांग की कि जितनी सड़क का निर्माण हो गया उसे तोड़कर फिर से बढ़िया निर्माण किया जाए. किसान ने कहा कि टूटी सड़क की वजह से मवेशियों का चलना भी दुर्भर हो जाएगा सिर्फ आंखों में धूल झोंकने का कार्य सड़क निर्माण करने वाले लोग कर रहे हैं. सड़क निर्माण का कार्य रात के अंधेरे में किया जा रहा है जिससे निर्माण कर्ताओं कि मंशा साफ दिखाई दे रही है.
सड़क निर्माण को लेकर क्या बोले ठेकेदार?
पूरे मामले पर अपना पक्ष रखते हुए ठेकेदार अभिषेक आनंद ने सफाई देते हुए कहा कि निर्माणाधीन सड़क पर जो क्रैक नजर आ रहे हैं. वह क्रैक नहीं हेयर क्रैक है. निर्माण के दौरान कई बार मोटरसाइकिलें पार होती हैं जिस पर ग्रामीण बिफर गए और उन्होंने पूरे निर्माणाधीन स्थल का निरीक्षण ठेकेदार के साथ करते हुए बताया कि कहीं भी हमें मोटरसाइकिल के चक्कों का निशान दिखाइए.
आप झूठ बोलकर ग्रामीणों को बहका रहे हैं. जहां ग्रामीणों ने उनके द्वारा किए ढलाई को भी जमीन छोड़ता हुआ दिखाया. वहीं ठेकेदार ने खुद माना कि निर्माण कार्य फरवरी में ही संपन्न हो जाना चाहिए था लेकिन भूमि विवाद होने के कारण यह अभी तक लंबित ही रह गया है.
मुख्यमंत्री के गृह जिले में हो रहा है विरोध
बता दें कि सड़क निर्माण को लेकर जिस जगह विरोध हो रहा है वह झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का गृह जिला गृह क्षेत्र एवं गृह प्रखंड गम्हरिया प्रखंड क्षेत्र है. यहां लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की लोकसभा प्रत्याशी गीता कोड़ा को बंधक बनाने की कोशिश की गई थी. मामले में कांड्रा थाना क्षेत्र के प्रभारी को निलंबित किया गया था. अब ग्रामीणों ने निर्माण कार्य के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया है. देखना रोचक होगा कि मौजूदा सरकार पूरे मामले पर क्या संज्ञान लेती है.
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