Jharkhand News: झारखंड में शराब की होम डिलीवरी नीति से खफा हुए शिबू सोरेन, कह दी ये बड़ी बात
Jharkhand News: झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन सरकार की घर-घर शराब बेचने की होम डिलीवरी नीति से आहत हैं. उन्होंने सरकार की इस नीति का विरोध करने का फैसला लिया है.
Jharkhand News: झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन झारखंड सरकार की घर-घर शराब बेचने की होम डिलीवरी नीति से आहत हैं. उन्होंने सरकार की इस नीति का विरोध करने का फैसला लिया है. झामुमो के 43वें झारखंड दिवस पर दुमका पहुंचे 'गुरुजी' अपने फार्म हाउस में खेती-बाड़ी देखने पहुंचे थे जहां उन्होंने ये बातें कहीं.
महुआ सेहत के लिए काफी फायदेमंद
उन्होंने कहा कि हमने अलग राज्य के आंदोलन के दौरान शराब पर पाबंदी लगा कर बच्चों की शिक्षा पर काफी जोर दिया था. लगातार क्षेत्र में इसको लेकर अभियान चलाया गया और इस अभियान में 'गुरुजी' काफी हद तक सफल भी हुए. आज यहां के लोगों ने महुआ से शराब बनाना छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि महुआ सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. इसे उबाल और पका कर खाने से फायदा होता है. अब तो यहां लोग महुआ का शराब पीना दूर अब इसे बनाते भी नहीं हैं.
झारखंड में होनी चाहिए शराब बंदी
झारखंड में शराब बंदी करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बिहार की तरह झारखंड में भी पूरी तरह शराब बंदी होना चाहिए. जब उन्हें बताया गया कि झारखंड सरकार शराब बेचने की होम डिलीवरी नीति लाई है जिसके तहत झारखंड में कोई भी आर्डर कर शराब घर तक मंगा सकता है तो उन्होंने झारखंड सरकार की इस नीति पर हैरानी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वे शराब बेचने की इस नीति का पुरजोर विरोध करते हैं.
महिलाओं पर पड़ेगा असर
उन्होंने कहा कि यह तो गजब हो रहा है. पैसे के लिए सरकार क्या-क्या करेगी. गुरुजी ने कहा कि इस नीति से सबसे ज्यादा घर की महिलाओं पर असर पड़ेगा. महिलाएं सरकार की इस नीति का विरोध करेंगी. यहां बता दें कि राज्य सरकार ने शराब के जरिए राजस्व में बढ़ोतरी के लिए छत्तीसगढ़ राज्य कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ एमओयू किया है.
सरकार यहां से करेगी राजस्व की वसूली
छत्तीसगढ़ सरकार की कंपनी को ही उत्पाद विभाग की नई नियमावली पर काम करने के टास्क के साथ-साथ होम डिलीवरी शुरू कराने की भी जिम्मेदारी दी गई है. इसके जरिये राज्य सरकार करीब 2300 करोड़ रुपये राजस्व की वसूली यहां के लोगों से करेगी.
पद्म पुरस्कार वितरण पर उठाये सवाल
इधर शिबू सोरेन ने पद्म पुरस्कार की घोषणा पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि इन पुरस्कारों को देने में अब निष्पक्षता नहीं बरती जाती है. जिसको पाया उसी को दे देते हैं. उन्होंने कहा कि वे पद्म विभूषण पाने के दायरे में आते हैं लेकिन देने वालों को इसपर विचार करना चाहिये.
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