Jharkhand News Ration Scheme: झारखंड (Jharkhand) में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन वितरण (Ration Distribution) के लिए नया सिस्टम लागू किया जा रहा है. दुकान में ऐसी मशीनें लगाई जाएंगी, जिसके जरिए लोगों की आंखों की रेटिना की स्कैनिंग की जाएगी. इससे रियायती दर का राशन फर्जी नाम पर बांटने की धोखाधड़ी पर रोक लग सकेगी. खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय (Ministry of Food and Supplies) के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अगले 3 महीनों के अंदर ये नया सिस्टम प्रभावी हो जाएगा. इसका नाम इंटीग्रेटेड रिस्क इन्फॉर्मेशन सिस्टम (आईआरआईएस या आइरिश) है. योजना के पहले चरण में राज्य के 24 जिलों की 1500 दुकानों में ये सिस्टम लागू होगा. 


रुकेगी कालाबाजारी
इस नई तकनीक का उद्देश्य राशन की कालाबाजारी रोकना और वास्तविक लाभान्वितों के बीच सही तरीके से रियायती दर का राशन का वितरण सुनिश्चित करना है. झारखंड से पहले केरल, बिहार और ओडिशा में भी इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट लागू किया जा चुका है. 


नहीं मिल पाता राशन
गौरतलब है कि, सार्वजनिक वितरण प्रणाली में लाभान्वितों का डेटा उनके आधार नंबर से पहले ही फीड किया जा चुका है. अब तक ई-पॉश मशीनों के जरिए लोगों के फिंगरप्रिंट के मिलान से राशन का वितरण किया जाता है. कई लोग ऐसे हैं, जिनका फिंगरप्रिंट ई-पॉश मशीन में दर्ज नहीं हो पाता और इस वजह से उन्हें राशन नहीं मिल पाता. अब मशीन में रेटिना की स्कैनिंग होते ही राशन कार्डधारी का नाम, पता सहित सभी सूचनाएं उपलब्ध हो जाएंगी.


दी जा रही है ट्रेनिंग
इस नए सिस्टम को लागू करने के लिए विभाग की ओर से सभी जिलों के को-ऑर्डिनेटर को ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके लिए सरकार ने लिंकवेल टेली सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ समझौता किया है. कंपनी की ओर से उपलब्ध कराई जा रही आईरीश मशीन की कीमत की 75 प्रतिशत राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा, जबकि शेष राशि पांच-पांच प्रतिशत की किस्त में हर साल दी जाएगी.


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