Sita Soren News: झारखंड में जेएमएम को बड़ा झटका लगा है. झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन बीजेपी में शामिल हो गईं. झारखंड में जेएमएम को बड़ा झटका लगा है. झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन बीजेपी में शामिल हो गईं. वो जेएमएम की महासचिव थीं. तीन बार विधायक चुनी गईं. मौजूदा समय से जामा सीट से विधायक हैं. शिबू सोरेन के दिवंगत बड़े बेटे दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं. पहले भी हेमंत सोरेन सरकार पर कई आरोप लगा चुकी हैं. कहा जाता है कि कल्पना सोरेन को सीएम बनाने से रोकने वाली मुख्य किरदार हैं.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने क्या कहा?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, "सीता सोरेन जी मेरे परम मित्र स्वर्गीय दुर्गा सोरेन जी की धर्म पत्नी हैं. उन्होंने उचित समय पर उचित निर्णय लिया. हेमंत सोरेन जी ने भ्रष्टाचारी सरकार दी,कल्पना सोरेन जी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. दुर्गा सोरेन जी का संघर्ष हेमंत ख़त्म करना चाहते हैं. अगला नम्बर आंदोलन कारी चम्पाई सोरेन जी का है. सीता भाभी को बधाई."
जेएमएम सांसद महुआ माजी क्या बोलीं?
सीता सोरेन के इस्तीफे पर जेएमएम सांसद महुआ माजी ने कहा कि हमारी पार्टी एक परिवार की तरह है. सब लोग एक दूसरे से मिल जुलकर काम करते हैं. हम लोगों के लिए ये शॉकिंग खबर है. हम लोग चाहेंगे कि इस पुनर्विचार किया जाए ताकि इस पार्टी को जो सम्मान है वो बरकरार रहे.
जेएमएम प्रवक्ता का बयान
जेएमएम के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने सीता सोरेन के इस्तीफे पर कहा, "मुझे लगता है कि बहुत जल्दबाजी में ये फैसला लिया है. विरोधियों के बहकावे में नहीं आना चाहिए. इतिहास गवाह है कि एक दो को छोड़ दिया जाए तो झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़कर जाने वाले कोई भी राजनीतिक भविष्य नहीं बना पाए."
जेएमएम को बड़ा झटका
सीता के इस्तीफे को झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. शिबू सोरेन के बाद दुर्गा सोरेन ही उनके स्वाभाविक उत्तराधिकारी माने जा रहे थे, लेकिन उनके आकस्मिक निधन के बाद हेमंत सोरेन पिता की विरासत संभालने आगे आए थे. सीता सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय महासचिव थीं और संथाल परगना के जामा क्षेत्र से विधायक चुनी गई थीं.
इस्तीफे में सीता सोरेन ने क्या कहा?
सीता सोरेन ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजे इस्तीफे में लिखा है कि मैंने विभिन्न कारणों से झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है. मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा के सिम्बल पर जामा विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक हूं. नैतिकता का तकाजा है कि पार्टी छोड़ने से उत्पन्न परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए विधायक पद का भी परित्याग कर रही हूं.इ
सके पहले मंगलवार की सुबह सीता सोरेन ने पार्टी के अध्यक्ष शिबू सोरेन को मेल के जरिए भेजे गए पत्र में आरोप लगाया है कि पार्टी और परिवार में उनकी लगातार उपेक्षा की जा रही है. उन्होंने पत्र में लिखा है, मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ भी एक गहरी साजिश रची जा रही है.
उन्होंने कहा, "मैं अत्यन्त दुःखी हूं. मैनें यह दृढ़ निश्चय किया है कि मुझे झारखंड मुक्ति मोर्चा और इस परिवार को छोड़ना होगा. अतः मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं."
शिबू सोरेन उर्फ गुरुजी को लिखे पत्र में कहा, "आपके समक्ष अत्यन्त दुःखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा प्रस्तुत कर रहीं हूं. मेरे पति दुर्गा सोरेन झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे. उनके निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहे हैं. पार्टी और परिवार के सदस्यों द्वारा हमें अलग-थलग किया गया है, जो कि मेरे लिए अत्यन्त पीड़ादायक रहा है."
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "मैंने उम्मीद की थी कि समय के साथ स्थितियां सुधरेंगी, परन्तु दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ. झारखडं मुक्ति मोर्चा को मेरे पति ने अपने त्याग, समर्पण और नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया था, आज वह पार्टी नहीं रही. मुझे यह देखकर गहरा दुःख होता है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गयी है, जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मूल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाते."