Jharkhand News: झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखें तय हो चुकी हैं और मतदान का पहला चरण 13 नवंबर को है. ऐसे में सियासी उठा-पटक के बीच जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े होते दिखे. उन्होंने पीएम मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी की.


जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने एक हैरान करने वाला बयान दिया. उन्होंने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने एक इंटरव्यू में कहा था कि गो हत्या होती रहेगी तो गोरक्षा के नाम पर हम वोट मांगेंगे. अभी ठीक वही स्थिति है कि हिंदू दुर्गति को प्राप्त होते रहेंगे और बीजेपी वाले हिंदुत्व के नाम पर वोट मांगते रहेंगे." 


वहीं, उन्होंने कहा, "मोदी जी ने गौ रक्षों को गुंडा तक बोल दिया है. जब मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री का पद संभाला था तो नरेंद्र मोदी ने कहा था कि प्रधानमंत्री का दायित्व है कि गो हत्या बंद हो लेकिन उनके प्रधानमंत्री के कार्यकाल के 10 वर्ष से ज्यादा बीत गए और अब यह गोरक्षों को गुंडे कहते हैं और वह हत्या करने वालों के समर्थक हो चुके हैं."


रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर भी बोले स्वामी निश्चलानंद सरस्वती
जगद्गुरु स्वामि निश्चलानंद ने कहा, "प्रधानमंत्री ने मर्यादा का ध्यान नहीं रखा और महत्वाकांक्षा के वशीभूत होकर उन्होंने गलत मुहूर्त और गलत व्यक्ति द्वारा राम मंदिर एवं भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करवाई. इसका उद्देश्य आगामी चुनाव में लाभ लेना था लेकिन उसके बावजूद उन्हें इसका कोई लाभ तो नहीं मिला बल्कि जीती हुई सीटें भी गंवानी पड़ी." 


बिना किसी का नाम लिए निश्चलानंद सरस्वती ने कहा, "पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी ने एक विदेशी एजेंट एवं आतंकवादी को शंकराचार्य की उपाधि दे दी और उसकी सुरक्षा में चार-चार गनर दे दिए गए. उन्हें शंकराचार्य बनाने का अधिकार कैसे मिला?" स्वामि निश्चलानंद सरस्वती ने यह आरोप भी लगाया, "पीएम मोदी और सीएम योगी अपनी सीमा का अतिक्रमण कर रहे हैं. अगर भारत में कोई न्याय संस्थान ठीक होता तो दंड के पात्र पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ होते."


'सीमा के क्षेत्र में कर रहे अच्छा काम'
निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि सीमा की सुरक्षा के विषय पर प्रधानमंत्री अच्छा काम कर रहे हैं. उन्होंने अपने लिए कोई धन अर्जित नहीं किया या परिवार के लिए कोई पूंजी नहीं बनाई, लेकिन उनके शासनकाल में क्रिश्चियन को धर्म परिवर्तन की खुली छूट मिल गई है. निश्चलानंद सरस्वती के इन बयानों से उनके समर्थकों में बीजेपी के खिलाफ काफी ज्यादा रोष देखा गया. 


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