Jharkhand News: झारखंड की सरायकेला-खारसावां जिले की एक स्थानीय अदालतने 2019 के तबरेज अंसारी लिंचिंग (Tabrej Ansari Lynching) मामले में 10 लोगों को दोषी ठहराया है. दोषियों को 5 जुलाई को सजा सुनाई जाएगी. बता दें कि इनमें से एक आरोपी की कुशल महाली की मौत हो चुकी है जबकि दो सजा के अभाव में बरी कर दिए गए हैं. दोषियों भीम सिंह मुंडा, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुनामो प्रधान, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेम चंद महाली, महेश महाली को कस्टडी (Custody) में ले लिया गया है.


इन सभी को अडिशनल जज-1 अमित शेखर द्वारा दोषी ठहराया गया है. मुख्य आरोपी प्रकाश मंडल ऊर्फ पप्पू मंडल पहले से ही न्यायिक हिरासत में है. 36 गवाहों की गवाही के बाद सरायकेला के बहुचर्चित तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग कर हत्या करने के मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है. लिंचिंग के मामले में 13 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इस मामलें में ट्रायल के दौरान एक आरोपी की मौत हो चुकी है. 4 साल बाद फैसला सुनाते हुए एडीजे वन अमित शेखर की अदालत ने दो आरोपियों सत्यनारायण नायक और सोनामू प्रधान को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया है. 


चोरी के संदेह में तबरेज की कर दी गई थी पिटाई
18 जून 2019 को धातकीडीह में चोरी के संदेह में तबरेज की भीड़ ने पिटाई कर दी थी. जिसे बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया था. जहां से उसे मेडिकल जांच के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. जहां तबियत बिगड़ने पर 21 जून को तबरेज को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसी क्रम में 22 जून 2019 को इलाज के दौरान तबरेज की मौत हो गई थी. पुलिस ने मामले में कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. मुख्य आरोपी पप्पु मंडल को छोड़ सभी 12 आरोपी जमानत पर थे.


बचाव पक्ष ने दी यह दलील
उधर, बचाव पक्ष के वकील एससी हाजरा ने बताया कि पूरे मामले को गलत ढंग से पेश किया गया है. तबरेज की हत्या मॉब लिंचिंग नहीं थी. इसे दुष्प्रचारित किया गया है. राजनीति और पुलिस ने मिलकर केस को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कानून पर भरोसा है न्याय जरूर मिलेगा. 


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