Jharkhand News: केंद्र सरकार ने शनिवार को सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस फैसले पर झामुमो की प्रतिक्रिया सामने आई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लेकर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है. पार्टी का कहना है कि यह सिर्फ एक जुमला है.


दरअसल, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर कहा कि "एनपीएस (NPS) के बाद अब यूपीएस (UPS) का जुमला लाया गया है. ओपीएस (OPS) बोलिये ओपीएस दीजिए. ओपीएस हक है, बाकी सब ढकोसला है."






वहीं बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने यूपीएस का समर्थन करते हुए कहा कि "यूनिफाइड पेंशन स्कीम देश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को भविष्य के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी. इसके अंतर्गत पेंशन की प्रक्रिया को एकीकृत कर सुविधाजनक और पारदर्शिता लाने का प्रयास किया गया है, जिससे कर्मचारियों को ससमय नियमित भुगतान सुनिश्चित होगा."


UPS क्या है? 
बता दें इस योजना से केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. राज्य सरकारों को एकीकृत पेंशन योजना चुनने का विकल्प भी दिया जाएगा. यदि राज्य सरकार यूपीएस का विकल्प चुनती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख होगी. सरकार के मुताबिक एरियर पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. पहले साल में वार्षिक लागत वृद्धि लगभग 6,250 करोड़ रुपये होगी. यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी. 


केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प दिया जाएगा. केंद्र सरकार के एनपीएस ग्राहकों को यूपीएस पर स्विच करने का विकल्प भी दिया जाएगा. बता दें पिछले साल वित्त मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना की समीक्षा करने और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के मौजूदा ढांचे में किसी बदलाव का सुझाव देने के लिए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी. 



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