Budget 2023 Twitter Reaction: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया. इस बजट की विपक्षी नेता जहां कमियां गिना रहे हैं. वहीं, केंद्र सरकार के मंत्री और बीजेपी (BJP) नेताओं ने बजट की जमकर तारीफ की है. इसी कड़ी में जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Union MInister Arjun Munda) ने कहा है कि केंद्रीय बजट की सात प्राथमिकताएं हैं, जो सप्तऋषि की तरह अमृत काल के दौरान देश का मार्गदर्शन करेंगी.


एक नए भारत की नींव रखने वाला बजट

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने आगे कहा कि यह एक नए भारत की नींव रखने वाला और 130 करोड़ भारतवासियों का जीवन बेहतर और खुशहाल करने बजट है. उन्होंने कहा कि पहली बार जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएमपीबीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा. इससे पीबीटीजी बस्तियों को मूलभूत सुविधाओं से परिपूर्ण किया जा सकेगा. अगले 3 वर्षों में योजना को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे.


अगले 3 वर्षों में एकलव्य आवासीय स्कूलों में होगी 38,800 नियुक्ति

मुंडा ने कहा कि अगले तीन साल में एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों में 38,800 अध्यापकों और सहयोगी स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी.  उन्होंने कहा कि 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए मिशन जैसे प्रावधान जनजातीय क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. बजट में समावेशी विकास, समाज के अंतिम पायदान तक पहुंच, अवसंरचना और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र इन मुद्दों का समावेश है. देश के विकास के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास बेहद जरूरी है. सड़क, रेल, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और खेती से जुड़े महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर पर किया गया निवेश मील का पत्थर साबित होगा.


'बजट से साढ़े तीन लाख आदिवासी छात्रों होगी सीधे लाभ'

वहीं, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि इस वर्ष के बजट में प्रधानमंत्री के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विश्वास और सबका प्रयास की झलक दिखाई पड़ती है. इसमें गरीब, आदिवासी, दलित, पिछड़ा, व्यापारी और मध्यम वर्ग का विशेष रूप से ख्याल रखा गया है. उन्होंने कहा कि झारखंड और विशेषकर आदिवासी भाइयों के लिए कई लाभकारी कदम उठाए गए हैं. वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि अगले 3 वर्ष के दौरान आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य आवासीय विद्यालय में 38,800 शिक्षकों और स्टाफ की नियुक्ति होगी. इस कदम से लगभग साढ़े तीन लाख आदिवासी छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा.


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