(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Budget 2024: ‘मुझे बड़ी मायूसी है’, बजट को लेकर JMM सांसद महुआ माजी ने BJP पर साधा निशाना
Budget 2024 News: बजट को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर JMM सांसद महुआ माजी ने हमला बोला है. उन्होंने कहा कि झारखंड के लोगों को कुछ विशेष दिया जाता तो लोगों को खुशी होती.
Union Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. बजट को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है. इसी कड़ी में झारखंड मुक्ति मोर्चा से सांसद महुआ माजी की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि बजट को लेकर तमाम राज्यों के सांसदों को मायूसी है. मुझे भी बड़ी मायूसी है कि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है, लेकिन यहां इतने खनिज है कि एक राज्य देश को सप्लाई करता है.
महुआ माजी ने कहा कि कोयला से लेकर लोहा तक सभी कीमती खनिज है, लेकिन झारखंड के लिए बजट में कुछ खास नहीं दिया गया है, जबकि वहां महिलाओं को तस्करी, डायन हत्या, रोजगार की समस्या तमाम तरह की समस्याएं थीं, जिनका उन्हें सामना करना पड़ता था. राज्य सरकार तो अपना काम कर है.
जेएमएम सांसद ने कहा कि कोयले की रॉयल्टी के जो 1.36 लाख हजार करोड़ रुपये हैं, वे बार-बार मांगने पर भी मिल पाए हैं. ऐसे में राज्य के पास पैसे की कमी है. ऐसे में झारखंड के लोगों को कुछ विशेष दिया जाता तो वहां के लोगों को खुशी होती, बल्कि बजट से बहुत सारी उम्मीदें भी थी. रेलवे के लिए भी काफी पैसे की जरूरत थी, उसकी तो बात तक नहीं की गई.
‘जिसकी मदद से सरकार बनी उन्हें खुश करने की कोशिश’
महुआ माजी ने आगे कहा कि इस बजट में उन्हीं लोगों को खुश करने की कोशिश की गई है, जिनकी मदद से केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी है. इस तरह से देश में जहां लोकतंत्र है वहां इस तरह की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए. इसलिए मायूसी है.
‘सबसे ज्यादा शिक्षा पर ज़ोर देने की ज़रूरत थी’
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स से पोस्ट कर लिखा गया कि मेक इन इंडिया को जुमला से हकीकतत बनाने के लिए हमें सबसे ज्यादा शिक्षा पर जोर देने की जरूरत थी, पर हमने पिछले 10 वर्षों में इसका ठीक उलट करते हुए शिक्षा बजट को आधा कर दिया. चीन और भारत की जनसंख्या लगभग बराबर है, पर चीन हर वर्ष अपने शिक्षा पर बजट को बढ़ाता जा रहा है और हमारे कुल बजट से ज्यादा राशि वह सिर्फ शिक्षा पर खर्च करता है. हम शोध/रिसर्च पर अपने बजट का मात्र 0.1% खर्च करते हैं जो सिर्फ और सिर्फ नाम मात्र का है. इसलिए आज हमारे देश में ब्रेन ड्रेन सबसे ज्यादा है. राजनीति से परे हमारे देश के हुक्मरानों को इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है ताकि 2047 के विकसित भारत का सपना हकीकत में तब्दील हो सके.
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