Jharkhand Politics: झारखंड में पेपर लीक रोकने का कानून लाने पर भड़की BJP, बाबूलाल मरांडी ने बिल को बताया 'काला कानून'
Jharkhand: BJP विदायकों ने कहा, विधेयक में कई जगहों पर अध्यादेश लिखा हुआ है, जबकि सरकार सदन में अधिनियम लेकर आई है. जिस राज्य से अध्यादेश की प्रति आई होगी उसे ही उतार दिया गया है.
Jharkhand News: झारखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने विधानसभा से पारित विधेयक को काला कानून की संज्ञा दी है. उन्होंने कहा कि झारखंड प्रतियोगिता परीक्षा (भर्ती अनुचित साधनों के रोकथाम निवारण के उपाय) विधेयक 2023 के विरोध में बीजेपी विधायक शुक्रवार यानी आज राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलेंगे. बीजेपी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने बताया कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में दल के विधायक शुक्रवार सुबह राज्यपाल से मिलेंगे.
दरअसल, झारखंड प्रतियोगिता परीक्षा (भर्ती अनुचित साधनों की रोकथाम और निवारण के उपाय) विधेयक 2023 को लेकर गुरुवार को सदन में चर्चा के दौरान बीजेपी विधायकों ने इसमें संशोधन करने उसके पहले इसे प्रवर समिति को भेजने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया. वहीं सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संबोधन के दौरान जब संसद में एनडीए द्वारा वन अधिकार कानून पारित कराए जाने की बात कही तो बीजेपी विधायकों ने नाराजगी जाहिर की. बीजेपी विधायक वेल में आ गए. नारा लगाते हुए काला कानून वापस लेने की मांग करते हुए बिल की प्रतियां फाड़ कर उसे सदन में हवा में उछाल दिया.
नकल कर तैयार हुआ विधेयक- बीजेपी विधायक
मुख्यमंत्री के संबोधन के बीच ही बीजेपी विधायकों ने सदन का बहिष्कार किया. बीजेपी विधायकों के वेल में आकर प्रदर्शन करने के विरोध में सत्ता पक्ष के विधायक भी वेल में आकर आपत्ति जताने लगे. इससे पहले बीजेपी की ओर से अनंत कुमार ओझा, अमर कुमार बाउरी, नवीन जायसवाल, अमित मंडल बिरंची नारायण और आजसू विधायक लंबोदर महतो ने बिल में संशोधन के साथ-साथ इसे प्रवर समिति को भेजने की मांग की. विधेयक पर लगभग घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा हुई. बिल को प्रवर समिति में भेजने की मांग को लेकर विधायक विनोद सिंह ने कहा कि यह विधेयक कदाचार की रोकथाम के लिए बनाया गया है, लेकिन इसे नकल कर तैयार किया गया है.
विधायक प्रदीप यादव ने दिया ये सुझाव
विधेयक में कई जगहों पर अध्यादेश लिखा हुआ है, जबकि सरकार सदन में अधिनियम लेकर आई है. जिस राज्य से अध्यादेश की प्रति आई होगी, उसे ही उतार दिया गया है. सरकार की ओर से प्रभारी मंत्री आलमगीर आलम ने भी सदन में इस गलती को माना और इसे सुधारने की बात कही. सदन में कई विधायकों ने बिल में संशोधन की बात कही, लेकिन मुहर विधायक प्रदीप यादव ने विधेयक में दो संशोधन रखे और दोनों संशोधनों को सरकार ने स्वीकार कर उसे विधेयक में जोड़ लिया. प्रदीप यादव ने ही नकल करने के दौरान पहली और दूसरी बार पकड़े जाने की सजा को कम करने की मांग की. पहली बार पकड़े जाने पर तीन साल की जगह एक साल और दूसरी बार पकड़े जाने पर सात साल की जगह तीन साल सजा का प्रावधान रखने की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री ने सदन में मुहर लगाई.