Uttarkashi Tunnel Rescue Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 लोगों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. झारखंड सरकार के संयुक्त श्रम आयुक्त राजेश प्रसाद ने बताया कि, फंसे हुए 41 श्रमिकों में से 15 श्रमिक झारखंड के गिरिडीह, रांची, पूर्वी सिंहभूम और खूंटी जिले से हैं. उत्तरकाशी में झारखंड सरकार की टीम तैयार है. फंसे हुए सभी 15 मजदूरों को विमान से देहरादून से रांची लाया जाएगा. डॉक्टरों की टीम द्वारा चिकित्सकीय रूप से फिट घोषित किए जाने के बाद ही एयरलिफ्ट किया जाएगा.


जानकारी के मुताबिक 40 श्रमिकों में से 15 झारखंड से हैं, जिसमें गिरिडीह के दो, खूंटी के तीन, रांची के तीन और पश्चिमी सिंहभूम के एक सहित नौ श्रमिकों ने सुरंग के अंदर से फंसे हुए हैं. इन श्रमिकों की अपने परिवार के सदस्यों से रोज बातचीत कराई जा रही है. टीम का नेतृत्व कर रहे जेएपी-आईटी (झारखंड एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) के सीईओ भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य के सभी श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्हें एयरलिफ्ट कर विमान से झारखंड वापस लाया जाएगा.


राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि जीवन रक्षा के लिए राशन, दवा और अन्य आवश्यक चीजें कंप्रेसर की मदद से मजदूरों तक पहुंचाई जा रही हैं. मजदूरों को 4 इंच की पाइप लाइन सूखे मेवे और अन्य खाने-पीने का सामान भेजा रहा है. उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर पर्याप्त पानी, ऑक्सीजन शक्ति और रोशनी है. फिलहाल हमारा ध्यान ऑगर मशीन से हॉरिजोंटल ड्रिलिंग करने पर है. सुरंग पहले से ही बनी होने के कारण वहीं 2 किमी तक जगह मौजूद है. 


इसी बीच कांग्रेस नेता प्रेम सिंह ने सरकार की नियत के ऊपर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर सरकार ने टनल बनाने वाली कंपनी के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? क्यों कोई FIR दर्ज नहीं हुई? टनल बनाने वाली कंपनी का कोई बड़ा अधिकारी यहां पर मौजूद क्यों नहीं है? प्रेम सिंह ने इसके साथ ही टनल को बनाए जाने के तरीके पर भी सवाल उठाए पूछा कि आखिर इसमें एस्केप टनल क्यों नहीं बनाई गई? अंदर अगर कोई हिस्सा कमजोर था उसको पहले से मजबूत क्यों नहीं किया गया?


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