Hazaribagh: झारखंड में Wanted माओवादी ने किया सरेंडर, पुनर्वास के लिए सरकार करेगी आर्थिक मदद
Hazaribagh News: हजारीबाग में पुलिस के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है. यहां 28 वर्षीय एक माओवादी (Maoist) ने आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिया जो 15 मामलों में वांछित था.
Wanted Maoist Surrenders in Jharkhand Hazaribagh: झारखंड (Jharkhand) के हजारीबाग (Hazaribagh) में सोमवार को 28 वर्षीय एक माओवादी (Maoist) ने आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिया जो 15 मामलों में वांछित था. पुलिस ने बताया कि भाकपा (माओवादी) का स्वयंभू क्षेत्र कमांडर अनिल भुइयां उर्फ अनिल रिखियासन ने अपनी .303 राइफल और बड़ी मात्रा में कारतूस के साथ उपायुक्त नेंसी सहाय और पुलिस अधीक्षक मनोज रत्न चोथे (Manoj Ratna Chothe) के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस इसे बड़ी कामयाबी मान रही है.
पुनर्वास के लिए दिए जाएंगे 3 लाख रुपये
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भुइयां भाकपा (माओवादी) के स्वयंभू जोनल कमांडर दुर्योधन महतो उर्फ मिथिलेश के दस्ते का एक प्रमुख सदस्य था और उसने लातेहार और हजारीबाग जिलों में कई अपराध किए थे. उन्होंने बताया कि उसे पुनर्वास के लिए 3 लाख रुपये दिए जाएंगे, जिसमें से 50 हजार रुपये का चेक उसे दे दिया गया है.
नक्सलियों के खिलाफ जारी है पुलिस का अभियान
बता दें कि, झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है. हाल ही में पलामू (Palamu) में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली थी. पलामू जिला अन्तर्गत मनातू थानाक्षेत्र के बेटापत्थर गांव में पुलिस ने नक्सल रोधी एक विशेष अभियान के तहत भूमिगत नक्सली संगठन 'तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमिटी' (टीएसपीसी) के स्वयंभू एरिया कमांडर राजकुमार गंझू (Rajkumar Ganjhu) को हथियार के साथ गिरफ्तार किया था.
20 वर्षों से तलाश कर रही थी पुलिस
राजकुमार गंझू की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा (Chandan Kumar Sinha) ने बताया था कि गिरफ्तार राजकुमार गंझू उर्फ गिरेन्द्र उर्फ नीतीश को पिछले 20 वर्षों से पुलिस तलाश रही थी. उन्होंने बताया था कि ये नक्सली पहली बार पुलिस गिरफ्त में आया है. नक्सली पर अलग-अलग थाना क्षेत्रों में 11 वारदातों को अंजाम देने के मामले दर्ज हैं.
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