झारखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में यूनिवर्सल पेंशन योजना का शुभारंभ किया. बता दें कि राज्य में सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत संचालित पेंशन योजनाओं को सरल बनाकर 'यूनिवर्सल पेंशन योजना' लागू की गयी है, जिसके लिए सरकार ने सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
कौन उठा सकते हैं यूनिवर्सल पेंशन योजना का लाभ
अब नए नियम के तहत एपीएल/बीपीएल कार्ड दिखाने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है. यूनिवर्सल पेंशन योजना के तहत खुद को पंजीकृत करने के लिए जरूरतमंद लाभार्थी अपना मतदाता पहचान पत्र दिखा सकते हैं. 60 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक नागरिक को अब नए प्रावधानों के तहत पेंशन योजना के लाभों के तहत कवर किया जाएगा. उक्त व्यक्ति करदाता नहीं होना चाहिए. वहीं 18 वर्ष से अधिक उम्र की विधवा महिलाएं पेंशन योजना के लाभ के लिए पात्र हैं. इसके लिए पति की मृत्यु प्रमाण पत्र की जरूरत होगी
इन महिलाओं को भी मिलेगा पेंशन योजना का लाभ
वहीं 18 वर्ष से अधिक आयु की परित्यक्त महिलाएं व 45 वर्ष से ऊपर की सिंगल महिलाएं भी पेंशन लाभ की हकदार हैं. इन वर्गों के तहत आने वाली महिलाओं को मुखिया एवं पंचायत सचिव या वार्ड पार्षद एवं राजस्व उपनिरीक्षक का संयुक्त प्रमाणपत्र या विधायक/ सांसद अथवा किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा निर्गत सर्टिफिकेट की जरूरत होगी.
सभी पात्र लाभार्थियों को प्रतिमाह खाते में मिलेगी पेंशन
इन सभी को हर महीने की पांच तारीख को 1 हजार रुपये उनके खाते में प्राप्त होंगे. गौरतलब है राज्य सरकार हर उस व्यक्ति को यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से जोड़ रही है जो इसके दायरे में आते हैं.
पेंशन के लिए यहां करें आवेदन
यूनिवर्सल पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) और शहरी क्षेत्रों में अंचल पदाधिकारी (CO) को आवेदन कर सकते हैं.
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