Alamgir Alam News: झारखंड में ईडी की कार्रवाई एक बार फिर सुर्खियों में है. ईडी ने झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर के घर छापेमारी की है. इस दौरान ईडी की आंखें खुली की खुली रह गईं. दरअसल, संजीव लाल के नौकर के घर नोटों का अंबार लगा था, जिसे गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ी. छापेमारी के दौरान 20 से 30 करोड़ रुपये के करीब कैश मिलने का अनुमान है. इसको लेकर बीजेपी अब झारखंड सरकार को घेरने में लगी है.
कौन हैं आलमगीर आलम?
झारखंड के साहिबगंज जिले के बरहड़वा प्रखंड के इस्लामपुर गांव में 1954 में आलमगीर आलम का जन्म हुआ था. उनके पिता का नाम स्व. सनाउल हक, माता का नाम अमीना खातुन है. उन्होंने बीएससी तक पढ़ाई की है. आलमगीर आलम कांग्रेस से चार बार चुनाव जीत चुके हैं. उन्हें झारखंड की गठबंधन सरकार में मंत्री का पद दिया गया है. वे फिलहाल झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री हैं.
20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक आलमगीर आलम झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1978 में गृह पंचायत महराजपुर से सरपंच पद से की थी. आलमगीर आलम के चाचा भी कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं.
साल 2000 में बेनी गुप्ता को हराया
1995 में कांग्रेस ने पहली बार आलमगीर आलम को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वे बीजेपी के प्रत्याशी बेनी गुप्ता से हार गए थे. इसके बाद साल 2000 में उन्होंने पाकुड़ विधानसभा से चुनाव लड़ा और बेनी गुप्ता को हराकर विधायक बने. उस समय झारखंड अलग राज्य नहीं था वो बिहार में ही शामिल था. लिहाजा बिहार सरकार में आलमगीर आलम पहली बार लघु सिंचाई मंत्री बनाये गए. इसके बाद उन्होंने 2005, 2014 और 2019 में भी चुनाव जीता. अबतक 1995 और 2009 के विधानसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है.
फिलहाल आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर के घर छापेमारी में ईडी को भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ है. इसको लेकर जांच की जा रही है.
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