Jharkhand News: झारखंड में चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. वहीं उनके साथ पाकुड़ सीट से 4 बार के कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम ने मंत्री पद की शपथ ली है. आलमगीर आलम विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं. आलमगीर आलम 1978 में अपने गृह पंचायत महराजपुर से सरपंच पद लड़ा था और इस चुनाव के साथ उनकी राजनीति में एंट्री हुई थी. आलमगीर आलम को झारखंड में एक सक्रिय नेता के तौर पर देखा जाता है.
कौन हैं आलमगीर आलम?
आलमगीर आलम का जन्म साहिबगंज जिले के बरहड़वा प्रखंड के इस्लामपुर गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम स्वर्गीय सनाउल हक माता का नाम अमीना खातुन है. वहीं उनकी पत्नी का नाम निशात आलम है. उनके दो बच्चे हैं. उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि कृषि रही है. उनकी शैक्षणिक योग्यता की अगर बात करें तो वे बीएससी पास है. साल 2000, 2005, 2014 और 2019 में वे विधायक निर्वाचित हुए. राजनीति के क्षेत्र में वे पंडित जवाहर लाल नेहरू और राजीव गांधी को अपना आदर्श मानते हैं.
आलमगीर आलम विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. इसके साथ ही वे बांग्लादेश, मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर और सऊदी अरब की यात्रा भी कर चुके हैं. 1978 में उन्होंने अपने गृह पंचायत महराजपुर से सरपंच का चुनाव लड़ा था, वो जीता भी था. इसके बाद वो तेजी से राजनीति में सक्रिय होते गए और आज मंत्री पद तक पहुंचे हैं. आलमगीर आलम के बेटे तनवीर आलम भी राजनीति में सक्रिय हैं, उन्हें कांग्रेस में प्रदेश उपाध्यक्ष का पद दिया गया है.
हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद शपथ ग्रहण
बता दें कि बीते बुधवार को ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन को हिरासत में लिया था. इस दौरान ईडी की मौजूदगी में ही वे राज्यपाल के पास पहुंचे थे और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था. शुक्रवार को चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.