जमशेदपुर: एक महिला 50 करोड़ से भी अधिक कीमत वाले अजगरों, दुर्लभ प्रजाति के सांपों, गिरगिटों, मकड़ी और बीटल के साथ ट्रेन में सफर कर रही थी. उसे जमशेदपुर के टाटानगर स्टेशन पर आरपीएफ, जीआरपी और सीआईबी की एक संयुक्त टीम ने कार्रवाई कर गिरफ्तार किया. वह नीलांचल एक्सप्रेस की जनरल बोगी में सफर कर रही थी. उसके पास से जब्त किए गए सांप और गिरगिट वन विभाग को सौंपे जाने की तैयारी चल रही है. गिरफ्तार की गई महिला का नाम देवी चंद्रा है. वह मूल रूप से महाराष्ट्र के पुणे की रहने वाली है.
कैसे और कहां से हुई गिरफ्तारी
आरपीएफ प्रभारी एसके तिवारी ने बताया कि उन्हें खड़गपुर रेल डिविजन से सूचना मिली कि एक संदिग्ध महिला नीलांचल एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे में सफर कर रही है. ट्रेन के टाटानगर स्टेशन पहुंचते ही महिला की पहचान कर उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास बैग में कुल 28 सांपों के अलावा गिरगिट, मकड़ी आदि थे. महिला ने पूछताछ में बताया कि नागालैंड में उसे एक व्यक्ति ने यह बैग दिल्ली पहुंचाने के लिए दिया था. इसके बदले में उसे आठ हजार रुपये दिए गए थे.
वह नागालैंड से ट्रेन से गुवाहाटी और फिर वहां से हावड़ा पहुंची. हावड़ा से वह नीलांचल एक्सप्रेस में बैठकर दिल्ली जा रही थी. इस बीच उसे सांपों और वन्य जीवों से भरा बैग सौंपने वाला व्यक्ति उसके संपर्क में था. उस व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी की जा रही है. सांपों से भरा बैग जब्त किए जाने के बाद आरपीएफ ने स्नेक कैचर्स को बुलाया. उन्होंने बैग से सभी प्राणियों को बाहर निकाला.
कौन कौन से जीव-जुंतू थे
महिला के बैग से सैंड बोओस प्रजाति के दो सांप और एक एल्बिनो पाइथन भी मिला है. इन तीनों सांपों में प्रत्येक की कीमत 25 करोड़ रुपए बताई जाती है. इसके अलावा अलग-अलग नौ डिब्बों में बंद 19 बॉल पाइथन (अजगर) और 4 रेड पाइथन (अजगर) पाए गए. 12 गिरगिट, बीटल, और एक बॉक्स में मकड़ियां पाई गईं. हालांकि इनमें से एक सांप और 8 गिरगिट मर चुके थे. बताया जाता है कि सांपों और इन प्राणियों के जहर का इस्तेमाल नशीले पदार्थ बनाने में किया जाता है.
महिला को गिरफ्तार करने वाली टीम में आरपीएफ प्रभारी एसके तिवारी, एसआई अंजुम निशा, फ्लाइंग स्क्वाड से एएसआई बलबीर प्रसाद, सीआईबी से अजय गुप्ता के अलावा अन्य लोग शामिल थे.
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